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Friday 1 December 2023 05:09:40 PM
हज़ारीबाग (झारखंड)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हज़ारीबाग में सीमा सुरक्षा बल के 59वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए और सीमा सुरक्षा बल की वार्षिक पत्रिका 'बॉर्डरमैन' का भी विमोचन किया। अमित शाह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहाकि जीवनपर्यंत कर्तव्य बीएसएफ का सिर्फ घोषवाक्य नहीं है, बल्कि आजतक 1900 से अधिक सीमा प्रहरियों ने अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देकर इस वाक्य को चरितार्थ भी किया है। उन्होंने कहाकि लाखों सीमा प्रहरियों ने अपने जीवन का स्वर्णिमकाल कठिनतम परिस्थितियों में परिवार से दूर रहकर बिताया है। उन्होंने कहाकि देश की सीमाओं की सुरक्षा की प्रथम पंक्ति के रूपमें बीएसएफ ने जिस तरह से देश की दुर्गम सीमाओं की सुरक्षा की है, उससे पूरा देश सीमा सुरक्षा बल के इन वीर जवानों पर गर्व करता है। गृहमंत्री ने कहाकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था, एक सीमा पर एकही सुरक्षा बल की तैनाती, इस निर्णय केतहत पाकिस्तान और बांग्लादेश की सबसे दुर्गम सीमाओं की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी बीएसएफ को मिली, जिसे उसने बखूबी निभाया है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि जम्मू-कश्मीर के बर्फीले इलाके, पूर्वोत्तर के पहाड़, गुजरात और राजस्थान के रेगिस्तान, गुजरात का दलदली इलाका या फिर सुंदरवन और झारखंड के घने जंगल हों बीएसएफ ने हमेशा मुस्तैद रहकर दुश्मन के नापाक इरादों को विफल किया है। उन्होंने कहाकि सीमा सुरक्षा बल ने संयुक्तराष्ट्र शांति मिशन में भी अंतर्राष्ट्रीयस्तर पर सेवा और वीरता के नए मानक स्थापित किए हैं। अमित शाह ने कहाकि जिस देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं होतीं, वो देश कभी विकसित और समृद्ध नहीं हो सकता। अमित शाह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने हर क्षेत्र में प्रगति की है और ये तभी संभव है, जब बीएसएफ जवानों के त्याग, तपस्या, बलिदान और शौर्य से हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। उन्होंने कहाकि देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने वाले वीर बीएसएफ जवान देश के विकास की नींव हैं। अमित शाह ने कहाकि बीएसएफ के जवानों का जीवन सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ देश के युवाओं को अनुशासन का संदेश भी देता है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि आज समारोह में 23 जवानों को बहादुरी पदक दिए गए हैं और 5 जवानों को मरणोपरांत पदक दिए गए हैं, इन 23 मेंसे 11 जवानों को वीरता केलिए पुलिस पदक, 1 जवान को जीवनरक्षक पदक और 11 जवानों को विशिष्ट सेवा केलिए राष्ट्रपति पुलिस पदक दिए गए हैं। अमित शाह ने मरणोपरांत पदक प्राप्त करने वाले 5 शहीदों के परिजनों से कहाकि उनकी भरपाई कोई नहीं कर सकता, लेकिन देश की 130 करोड़ जनता इनके बलिदान पर हमेशा गर्व करेगी। उन्होंने कहाकि बीएसएफ ने 1 महावीर चक्र, 4 कीर्ति चक्र, 13 वीरचक्र एवं 13 शौर्यचक्र सहित अनेक पदक और पुरस्कार प्राप्त किए हैं। गृहमंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा सुरक्षा को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और मोदीजी के नेतृत्व में पिछले 10 साल में सीमाओं की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने की दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार ने सुरक्षा, विकास और लोकतांत्रिक प्रक्रिया तीनों को तवज्जो दी है, सीमावर्ती क्षेत्रों में हजारों करोड़ रूपये के बजट केसाथ मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर, अनेक कल्याणकारी योजनाओं केसाथ अन्य सुरक्षाबलों को जोड़कर सुरक्षा केसाथ जनकल्याण के एक नए कांसेप्ट को भी शुरू किया।
अमित शाह ने कहाकि सीमावर्ती क्षेत्रों में अच्छी रेल, रोड वाटर-वे कनेक्टिविटी और दूरसंचार सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। उन्होंने कहाकि भू सीमा व्यापार केसाथ पीपल टू पीपल कनेक्ट को बढ़ाया गया है। अमित शाह ने कहाकि 10 वर्ष में सीमाओं पर लगभग 560 किलोमीटर बाड़ लगाकर घुसपैठ और स्मगलिंग पर लगाम कसने का काम कर लिया गया है, अगले 2 साल में पूरी पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमा को बाड़ लगाकर सुरक्षितकर लिया जाएगा। उन्होंने कहाकि सीमा पर 1100 किलोमीटर क्षेत्र में फ्लडलाइट्स लगाई गई हैं, 542 नए बॉर्डर आउटपोस्ट और 510 ऑब्जरवेशन पोस्ट टावर बनाए गए हैं, पहलीबार हरामी नाला क्षेत्र में ऑब्जरवेशन टावर बनाए गए हैं, 637 आउटपोस्ट पर बिजली और लगभग 500 स्थानों पर पानी कनेक्शन दिए गए हैं, इसके अलावा 472 जगह पर सोलर प्लांट लगाकर सीमा की सुरक्षा करने वाले जवानों की सहूलियत को सुनिश्चित किया गया है। गृहमंत्री ने कहाकि मोदी सरकार की लोग समावेशी सीमा प्रबंधन नीति ने सीमा प्रहरियों के काम के बोझ को बहुत कम किया है। उन्होंने कहाकि पिछले 5 वर्ष में बीएसएफ ने 30 हज़ार किलोग्राम से ज्यादा नारकोटिक्स पकड़ने का कार्य किया है, जो न केवल देश की भावी पीढ़ी को खोखला करता है, बल्कि इससे उत्पन्न पैसा आतंकवाद का वित्त पोषण भी करता है और बॉर्डर पर बने इस ट्रेड लिंक के ज़रिए हथियारों की आवाजाही भी होती है।
गृहमंत्री ने कहाकि इसीलिए इन तीनों कारणों से ये बहुत ज़रूरी हैकि पूरी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर नारकोटिक्स के व्यापार केप्रति हमारी कठोर, जीरो टॉलरेंस वाली संवेदनशील नीति हो और बीएसएफ ने ये काम बहुत अच्छे तरीके से किया है। अमित शाह ने कहाकि बीएसएफ ने 2500 से ज्यादा हथियार पकड़े हैं और एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसी विकसित प्रौद्योगिकी केसाथ बीएसएफ ने बहुत अच्छे प्रयोग किए हैं। उन्होंने कहाकि उसने अबतक 90 से ज्यादा विदेशी ड्रोन मार गिराए हैं और इसके रूट की पहचान करने केलिए नई दिल्ली में बीएसएफ ड्रोन और साइबर फॉरेंसिक लैब स्थापित कर R&D के क्षेत्र में भी बहुत अच्छा काम कररहा है। उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार ने एरिया डोमिनेशन केलिए फील्ड फॉर्मेशन केसाथ 100 ड्रोन उपलब्ध कराए हैं, जिसका बहुत अच्छा उपयोग बीएसएफ के जवान कर रहे हैं। अमित शाह ने कहाकि अब वह दिन दूर नहीं है, जब देश वामपंथी उग्रवाद से पूर्णतया मुक्त हो जाएगा और इस दिशा में विगत 10 साल में मोदी सरकार ने सातत्यपूर्ण प्रयास किया है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि मोदी सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप हिंसा की घटनाओं में 52 प्रतिशत, मृत्यु की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिले 96 से घटकर 45 रह गए हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि वामपंथी उग्रवाद अब सिमटता जा रहा है और अब इसपर एक नए हौसले और जोश केसाथ अंतिम प्रहार करने केलिए सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी तैयार हैं। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार आनेवाले दिनों में देश को वामपंथी उग्रवाद से मुक्त कराने केप्रति कटिबद्ध है। उन्होंने कहाकि इन इलाकों में सुरक्षा वैक्यूम को भरने केलिए 2019 से लेकर अबतक 199 नए शिविर खोले गए हैं, नए कैंप लगाने और गश्त बढ़ने से वामपंथी उग्रवादियों के सभी संसाधनों पर नियंत्रण पाया जा सका है और इसीका परिणाम हैकि बूढ़ा पहाड़ और चकरबंदा जैसे दुर्गम क्षेत्रों को आज पूरी तरह से वामपंथी उग्रवाद से मुक्त कराने में हमें सफलता मिली है। उन्होंने कहाकि कोल्हान और झारखंड के कुछ क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अभी अंतिम लड़ाई जारी है और यह लड़ाई भी हम ज़रूर जीतेंगे। अमित शाह ने कहाकि नरेंद्र मोदी शासन में जम्मू-कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र और पूर्वोत्तर के तीनों हॉटस्पॉट में हमने लड़ाई जीतने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहाकि कश्मीर में आतंकवाद पर सुरक्षाबलों का संपूर्ण वर्चस्व स्थापित हुआ है, नॉर्थईस्ट में भी हिंसा की स्थिति में बहुत सुधार हुआ है और वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई को हम जीतने की कगार पर खड़े हैं और इन सभी मोर्चों पर लड़ाई में बीएसएफ के जवानों का बहुत बड़ा योगदान है। समारोह में सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।