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Sunday 30 June 2013 08:26:48 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कुमारी सेलजा ने शुक्रवार को शारीरिक विकलांग व्यक्ति अधिनियम के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए विकलांग व्यक्तियों के राज्य आयुक्तों की 12वीं राष्ट्रीय बैठक की। उन्होंने कहा कि इस तरह की बैठक विचारों एवं अनुभवों के आदान-प्रदान के लिए महत्वपूर्ण मंच उपलब्ध कराती हैं। बैठक से शारीरिक विकलांग व्यक्ति अधिनियम 1995 के कार्यान्वयन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में सीखने और समझने की संस्कृति को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने संतोष प्रकट किया कि विकलांगता अधिकार अब बड़े स्तर पर भारत के कानून और नीति संबंधी रूपरेखा में संस्थागत रूप ले चुका है। यूएनसीआरपीडी की पुष्टि और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में विकलांग मामलों के विभाग विकलांगों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के उदाहरण हैं। सरकार व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का अधिक सम्मान करने और शारीरिक विकलांग व्यक्तियों के मूल अधिकारों के संरक्षण के लिए पुराने शारीरिक विकलांग व्यक्ति अधिनियम 1995 के स्थान पर नया कानून लाने पर भी काम कर रही है।
कुमारी सेलजा ने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में अनेक महत्वाकांक्षी एवं दिलचस्प पहल के लिए 3000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इनमें राष्ट्रीय सार्वभौम डिजाइन केंद्र की स्थापना, भारतीय प्रतीक भाषा शोध एवं प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना और भारत के विभिन्न राज्यों में ब्रेल प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना शामिल हैं। प्रस्ताविक विकलांग व्यक्तियों के अधिकार विधेयक में स्पष्ट और व्यापक प्रावधान किए गए हैं, जो यूएनसीआरपीडी के अनुरूप हैं। यह विधेयक मौजूदा शारीरिक विकलांग व्यक्ति अधिनियम 1995 में विशिष्ट सुधार साबित होगा।