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Sunday 30 June 2013 08:33:36 AM
श्रीनगर। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने श्रीनगर में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-यानी सीएसआईआर-आईआईआईएम (भारतीय समवेत औषध संस्थान) की शाखा प्रयोगशाला राष्ट्र को पुन: समर्पित की। इस अवसर पर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, जम्मू कश्मीर के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फिरोज अहमद खान और सीएसआईआर तथा आईआईआईएम के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
जयपाल रेड्डी ने इस अवसर पर कहा कि उन्हें यह देखकर बेहद खुशी हो रही है कि जम्मू कश्मीर तथा देश के आर्थिक विकास के लिए प्रासंगिक, वैश्विक तौर पर उत्कृष्ट वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए बेहतरीन वैज्ञानिक बुनियादी ढांचा तैयार किया गया है। इस प्रयोगशाला के पुनर्निर्माण से दुनियाभर की बेहतरीन प्रतिभाएं इसकी और आकृष्ट होंगी। उन्होंने कहा कि देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास की दिशा में सीएसआईआर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि सीएसआईआर ने ऐसा करते हुए जम्मू-कश्मीर का भी पूरा ध्यान रखा है। जयपाल रेड्डी ने कहा कि उनका मंत्रालय, रोज़गार के साधन और संपत्ति के सृजन के लिए एक नवीनतम प्रणाली की रचना करने की दिशा में सीएसआईआर-आईआईआईएम की पहल का समर्थन करता है।
उन्होंने कुछ घोषणाएं कीं जैसे-जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), सीएसआईआर की भागीदारी और सहायता से औद्योगिकी जैव प्रौद्योगिकी उद्यानों की स्थापना। जम्मू कश्मीर के अनूठे सुगंध उद्योग के विकास की पूरी संभावनाओं का पता लगाने के लिए तकनीकी और महत्वपूर्ण सहायता। आईआईआईएम, श्रीनगर शाखा प्रयोगशाला में सुगंध उद्योग के लिए मूल्यवर्धित केंद्र, अत्याधुनिक चमड़ा डिजाइन केंद्र, विपणन-नेटवर्किंग सुविधाएं और कश्मीर घाटी के बच्चों के लिए विश्वस्तरीय 'सीएसआईआर विज्ञान केंद्र' की स्थापना। जम्मू कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र के लेह और कारगिल जिलों के प्रतिभाशाली और संभावनाओं से भरपूर युवाओं के लिए सीएसआईआर-आईआईआईएम की सहायता से नए अनुसंधान केंद्र का निर्माण। वैज्ञानिक और नवरचना अनुसंधान अकादमी (एसीएसआईआर) के तहत जम्मू कश्मीर के युवाओं के लिए प्रमुख मानव संसाधन विकास कार्यक्रमों की शुरूआत।
जयपाल रेड्डी ने जम्मू कश्मीर की अनूठी जैव प्रौद्योगिकी की संभावनाओं का इस्तेमाल ग्रामों में खुशहाली लाने तथा रोज़गार के साधन सृजित करने की दिशा में करने में जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की दिलचस्पी की सराहना भी की। इस अवसर पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमें स्कूलों और कॉलेजों में वैज्ञानिक बुनियादी ढांचे तथा प्रयोगशालाओं का निर्माण करने की दिशा में कार्य करना होगा, ताकि महत्वाकांक्षी छात्र तैयार किए जा सकें। उन्होंने कहा कि जहां तक संभव हो सके हमें अनुसंधान का व्यवहारिक प्रयोग सुनिश्चित करना होगा तथा कृषि जैसे क्षेत्रों में उनके वास्तविक अनुप्रयोग के अवसर तैयार करने होंगे। उन्होंने कहा कि हमारे सामने एक चुनौती किसानों को परंपरागत फसलों की जगह नकदी फसलें उगाने के लिए राज़ी करने की भी है। स्वागत भाषण आईआईआईएम जम्मू के निदेशक डॉ रामविश्वकर्मा ने दिया।