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'आईएनएस त्रिकंड' पोत भारतीय नौसेना में शामिल

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Sunday 30 June 2013 09:25:56 AM

the vice chief of the naval staff, indian navy, vice admiral r.k. dhowan taking salute at the commissioning ceremony of the ins trikand, at kaliningrad, russia

नई दिल्‍ली, कलिनिनग्राड, रूस। भारतीय नौसेना के वाइस चीफ, वाइस एडमिरल आर के धवन ने रूस में निर्मित 'फोलो ऑन तलवार क्‍लास' के तीन में से आखिरी पोत आईएनएस त्रिकंड को कलिनिनग्राड, रूस में एक परंपरागत भव्‍य समारोह में भारतीय नौसेना में शामिल किया। इस अवसर पर भारतीय और रूसी नौसैनिक उपस्थित थे।
आईएनएस त्रिकंड के जलावतरण के साथ ही रूस में निर्मित 'फोलो ऑन तलवार क्‍लास' के तीन पोतों का अनुबंध पूरा हो गया। इसे भारत-रूस सैन्‍य प्रौद्योगिकी सहयोग के क्षेत्र में मील का पत्‍थर समझा जाता है। इस श्रेणी के अन्‍य पोतों में आइएनस तेग और आईएनएस तर्कष का जलावतरण पिछले वर्ष किया गया था और वे अब पश्चिमी बेड़े के अभियानों का हिस्‍सा हैं। आईएनएस त्रिकंड के पेंदे की स्‍थापना 11 जून 2008 को की गई थी और जहाज का उदघाटन 25 मई 2011 को किया गया। अप्रैल और मई 2013 में बाल्टिक सागर में इसके व्‍यापक ट्रायल किए गए।
आईएनएस त्रिकंड में अत्‍याधुनिक युद्ध प्रणालियों की व्‍यवस्‍था है। इनमें सुपर सोनिक ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली, सतह से हवा में मार करने वाली स्‍टिल, उन्‍नत ए 190 मीडियम रेंज गन, इलेक्‍ट्रो-ऑपटिकल 30 एमएम क्‍लोज-इन वेपन सिस्‍टम, पनडुब्‍बी रोधी हथियार जैसे टारपीडो और रॉकेट तथा अत्‍याधुनिक वार वेयर सिस्‍टम शामिल हैं। पोत को चार गैस टरबाइनों से संचालित किया जाता है और यह 30 समुद्री मील से अधिक की गति से बढ़ने में सक्षम है। यह जहाज कमोव-31 हेलीकॉप्‍टर को ले जा सकता है, जो शीघ्र हवाई चेतावनी देने के लिए सर्वाधिक उपयुक्‍त है।
आईएनएस त्रिकंड की कमान कैप्‍टन अजय कोछड़ को सौंपी गई है। वे गनरी और मिसाइल युध में विशेषज्ञ हैं, जिन्‍हें 1988 में भारतीय नौसेना में कमीशन प्राप्‍त हुआ था। इसमें अधिकारियों सहित करीब 300 नौसेना कर्मियों का दल काम करेगा। जल्‍दी ही यह पोत भारत के लिए अपनी यात्रा शुरू करेगा और पश्चिमी बेड़े में अपनी शृंखला के जहाजों के सा‍थ मिल जाएगा। समारोह में रूसी परिसंघ में भारतीय राजदूत अजय मल्‍होत्रा, कलिनिनग्राद के महापौर और विभिन्‍न रूसी एजेंसियों के प्रतिनिधि भी शामिल थे।

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