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Wednesday 10 April 2024 03:27:40 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विश्व होम्योपैथी दिवस पर आज केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद की आयोजित दो दिवसीय होम्योपैथी संगोष्ठी का यशोभूमि कन्वेंशनल सेंटर द्वारका नई दिल्ली में उद्घाटन किया। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहाकि होम्योपैथी को कई देशों में सरल और सुलभ उपचार पद्धति के रूपमें अपनाया गया है, दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय स्तरपर कई संस्थाएं होम्योपैथी को बढ़ावा दे रही हैं। उन्होंने भारत में होम्योपैथी को बढ़ावा देने में योगदान केलिए आयुष मंत्रालय, केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग, राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान और केंद्र सरकार के ऐसे सभी संस्थानों की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहाकि 21वीं सदी में शोध का महत्व लगातार बढ़ रहा है, इसलिए इस संगोष्ठी का विषय 'अनुसंधान को सशक्त बनाना, दक्षता बढ़ाना' बहुत प्रासंगिक है। उन्होंने कहाकि देश-विदेश तक होम्योपैथी की स्वीकार्यता और लोकप्रियता है और इस बात पर जोर दियाकि इसको और बढ़ाने में अनुसंधान एवं दक्षता महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि कई लोग ऐसे व्यक्ति का अनुभव साझा करते हैं, जो विभिन्न तरीकों से इलाज केबाद निराश हो गया था और होम्योपैथी के चमत्कार से लाभांवित हुआ, लेकिन ऐसे अनुभवों को वैज्ञानिक समुदाय में तभी मान्यता मिल सकती है, जब उन्हें तथ्यों और विश्लेषण केसाथ प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने कहाकि बड़े पैमाने पर किए गए ऐसे तथ्यात्मक विश्लेषण को प्रामाणिक चिकित्सा अनुसंधान कहा जाता है एवं वैज्ञानिक कठोरता को प्रोत्साहित करने से इस चिकित्सा प्रणाली में लोगों का विश्वास और बढ़ेगा। राष्ट्रपति ने कहाकि स्वस्थ लोग ही स्वस्थ समाज का निर्माण करते हैं, स्वस्थ समाज की नींव पर ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है। उन्होंने कहाकि सभी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर एक स्वस्थ, समृद्ध और विकसित भारत के निर्माण में अमूल्य योगदान दें। राष्ट्रपति ने कहाकि होम्योपैथी शिक्षा प्रणाली में निरंतर सुधार इस पद्धति को युवा विद्यार्थियों केलिए और अधिक आकर्षक बनाएगा और होम्योपैथी के उज्ज्वल भविष्य केलिए युवाओं की व्यापक भागीदारी आवश्यक है। राष्ट्रपति ने इस आयोजन और अन्य आयुष चिकित्सा पद्धतियों केसाथ-साथ होम्योपैथी को प्रोत्साहित करने केलिए आयुष मंत्रालय को बधाई दी।
होम्योपैथी संगोष्ठी में पद्मभूषण एवं पद्मश्री वैद्य देवेंद्र त्रिगुना और पद्मश्री डॉ एचआर नागेंद्र की अध्यक्षता में 'वर्ड्स ऑफ विजडम' पर एक सत्र हुआ, इसमें होम्योपैथी क्षेत्र के पद्म पुरस्कार सम्मानित पद्मश्री डॉ वीके गुप्ता, पद्मश्री डॉ मुकेश बत्रा, पद्मश्री डॉ कल्याण बनर्जी और पद्मश्री डॉ आरआर पारीक ने समृद्ध अनुभव साझा किए। इस अवसर पर राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के अध्यक्ष डॉ अनिल खुराना, आयुष वैज्ञानिक अध्यक्ष डॉ संगीता ए दुग्गल, सलाहकार (होम्योपैथी) आयुष मंत्रालय, बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन फॉर होम्योपैथी, एनसीएच के अध्यक्ष डॉ पिनाकिन एन त्रिवेदी, होम्योपैथी केलिए मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड, एनसीएच के अध्यक्ष डॉ जनार्दनन नायर, होम्योपैथी शिक्षा बोर्ड, एनसीएच के अध्यक्ष डॉ तारकेश्वर जैन, डॉ नंदिनी कुमार आयुष प्रतिष्ठित चेयर उपस्थित थे। संगोष्ठी में नीदरलैंड, स्पेन, कोलंबिया, कनाडा और बांग्लादेश के 8 प्रतिनिधियों की भागीदारी हुई। इसमें 17 सीसीआरएच प्रकाशन का लोकार्पण किया गया। इसके बाद के सत्रों में होम्योपैथी को सशक्त बनाने तथा आधुनिक परिप्रेक्ष्य, चिकित्सकों के परिप्रेक्ष्य और अभ्यास को बढ़ाने जैसे विषयों पर वार्ता और पैनल चर्चा शामिल होगी।
संगोष्ठी के सत्रों में एसएबी, सीसीआरएच के अध्यक्ष डॉ वीके गुप्ता, आयुष मंत्रालय में संयुक्त सचिव बीके सिंह, आयुष मंत्रालय की सलाहकार (होम्योपैथी) डॉ संगीता ए दुग्गल, आयुष विभाग के होम्योपैथिक अनुभागीय समिति के अध्यक्ष, भारतीय मानक ब्यूरो तथा सीसीआरएच के पूर्व महानिदेशक डॉ राज के मनचंदा, अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग के मिशन निदेशक डॉ चिंतन वैष्णव, एससीसीआर, सीसीआरएच के अध्यक्ष डॉ एलके नंदा एवं कई और प्रसिद्ध चिकित्सक विचार व्यक्त करेंगे। दो दिनों के वैज्ञानिक सम्मेलन में ट्रांसलेशनल रिसर्च, साक्ष्य आधार: अनुसंधान और अभ्यास अनुभव, महामारी तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य, होम्योपैथिक दवा मानकीकरण और बुनियादी अनुसंधान, अंतःविषयी अनुसंधान, शिक्षा में सुधार और अनुसंधान, वैश्विक परिप्रेक्ष्य, होम्योपैथी में चुनौतियां-होम्योपैथिक पेशेवर संघों की भूमिका, पशु चिकित्सा होम्योपैथी, होम्योपैथिक औषधीय उत्पादों और सेवाओं में गुणवत्ता आश्वासन पर सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। सम्मेलन का उद्देश्य नैदानिक अभ्यास और स्वास्थ्य कार्यक्रमों में साक्ष्य आधारित वैज्ञानिक उपचार को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान आधारित चिकित्सा विज्ञान में होम्योपैथिक समुदाय को सक्षम बनाना, व्यक्तिगत, सुरक्षित और विश्वसनीय स्वास्थ्य देखभाल केलिए आबादी की आवश्यकताओं को पूरा करने वाला हेल्थकेयर पावर हाउस बनना तथा बेहतर रोगी परिणामों केलिए गुणवत्ता निदान, चिकित्सा विज्ञान और वैज्ञानिक उपकरणों केसाथ होम्योपैथिक दवा को समृद्ध बनाना है।