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Tuesday 02 July 2013 09:57:29 AM
नई दिल्ली। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने मंगलवार को नई दिल्ली में गृह मंत्रालय से संबद्ध समिति के सदस्यों से कहा है कि सरकार ने देश में आतंकवाद का सामना करने के लिए कई कदम उठाये हैं। उन्होने आतंकवाद निरोधी वैधानिक उपायों और व्यवस्थों का भी जिक्र किया, जिसमें वर्ष 2008 और 2012 में गैर कानूनी गतिविधियां (निरोधक) अधिनियम में संशोधन, केंद्र और राज्य स्तर की एजेंसियों के बीच नजदीकी और प्रभावी समन्वय से खुफिया जानकारी साझा करना और आतंकवाद के खिलाफ प्रयासों को मजबूत करने और पूरे देश को सुरक्षित करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड-एनएसजी के मुंबई, हैदराबाद, चैन्नई और कोलकाता में चार क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करना शामिल है।
सुशील कुमार शिंदे ने सदस्यों को बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी-एनआईए का गठन केवल आतंकवाद संबंधी मामलों की जांच के लिए किया गया है। इसके अलावा भू-सीमा की चौकसी के लिए सीमा सुरक्षा के उपायों के तहत भारत-पाकिस्तान और भारत-बंग्लादेश की सीमावर्ती सड़कों पर फ्लड लाइट सहित बाड़ लगाने से सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है। शिंदे ने बताया कि राज्य पुलिस बलों को आधुनिक बनाने और, नकली भारतीय करंसी नोट से निपटने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं। इसके अलावा आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए नेटग्रिड स्थापित करने और खुफिया जानकारी के आधार पर उचित कार्रवाई किये जाने की भी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने आतंकवादियों के सैन्य काफिले पर हाल के हमले, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में माओवादियों के क्रूर हमले के साथ ही बिहार के जमुई में किये गये हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये हमारी लोकतांत्रिक मूल्यों तथा राजनीतिक गतिविधियों में भागीदारी की स्वतंत्रता पर हमला है। गृहमंत्री ने कहा कि सरकार समाज के वंचित लोगों की वास्तविक शिकायतों को दूर करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, क्योंकि आतंक के माहौल में विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों के खिलाफ हिंसा से सख्ती से निपटा जाएगा।
शिंदे ने कहा कि देश में आतंकवादी खतरे और आंतरिक चुनौतियों को आमतौर पर चार श्रेणियों में रखा जा सकता है, जो जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों, वामपंथी आतंकवाद और अंदरूनी हिस्से में व्याप्त आतंकवाद हैं। उन्होंने सदस्यों को जम्मू-कश्मीर में रोजगार सृजन के कार्यक्रम उड़ान और हिमायत की भी जानकारी दी। शिंदे ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार पूर्वोत्तर राज्यों में आतंकवाद विरोधी अभियानों में केंद्रीय पुलिस बल की सहायता मुहैया कराती रही है, इसमें उनके पुलिस बलों को उन्नत बनाना तथा भारतीय सुरक्षित अर्धसैनिक बलों की तैनाती शामिल है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद सबसे बड़ी चुनौती में से एक है और जिन क्षेत्रों में ये सक्रिय हैं, उनसे निपटने के लिए सुरक्षा उपायों के साथ-साथ विकास की भी रणनीति अपनाई गयी है। परामर्श समिति के सदस्यों में लोकसभा सांसद इस्माइल हुसैन, कमल किशोर, लालू प्रसाद, डॉ रत्तन सिंह अजनाला, डॉ थोकचोम मिनिया, योगी आदित्य नाथ और राज्य सभा सासंद भुवनेश्वर कलीता, एचके दुआ, मोहम्मल अली खान, ओम प्रकाश माथुर, प्रोफेसर रामगोपाल यादव और विनय कटियार शामिल हैं।