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किसानों को समर्पित कीं फसलों की नई किस्में

प्रधानमंत्री का आईएआरआई दिल्ली में किसानों व वैज्ञानिकों से संवाद

जैव संवर्धित और जलवायु अनुकूल 109 नई फसल किस्मों के बीज तैयार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 12 August 2024 02:10:27 PM

pm narendra modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली में फसलों की जैव संवर्धित और जलवायु अनुकूल 109 नई फसल किस्में किसानों को समर्पितकर उनसे संवाद किया। उन्होंने किसानों केप्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्राकृतिक खेती के लाभ और जैविक खेती केप्रति किसानों के बढ़ते विश्वास की भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने नई फसल किस्मों के विकास केलिए वैज्ञानिकों की सराहना की और कहाकि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों ने अद्भुत काम किया है, उन्होंने 65 फसलों की 109 प्रजातियों के बीज तैयार किए हैं, जिसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, उत्पादन बढ़ाना और लागत घटाना है। उन्होंने किसानों एवं वैज्ञानिकों से बातचीत में नई फसल किस्मों के महत्व पर चर्चा करते हुए कृषि में मूल्य संवर्धन के महत्व पर बल दिया। उन्होंने मोटे अनाजों के महत्व का जिक्र करते हुए इसबात को रेखांकित कियाकि कैसे लोग पौष्टिक भोजन की ओर बढ़ रहे हैं। नई 61 फसलों की 109 किस्मों में 34 प्रक्षेत्र फसलें और 27 बागवानी फसलें शामिल हैं। प्रक्षेत्र फसलों में मोटे अनाज, चारा फसलें, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास, रेशा और संभावित फसलों सहित विभिन्न अनाजों के बीज जारी किए गए। बागवानी फसलों में फलों, सब्जियों, रोपण फसलों, कंद फसलों, मसालों, फूलों और औषधीय फसलों की विभिन्न किस्में जारी की गईं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से परस्‍पर बातचीत करते हुए किसानों ने कहाकि नई फसल किस्में अत्यधिक लाभकारी होंगी, क्योंकि इनसे उनका व्‍यय कम होगा और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। किसानों ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने केलिए सरकार के प्रयासों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने सुझाव दियाकि कृषि विज्ञान केंद्रों को प्रत्‍येक महीने विकसित की जानेवाली नई किस्‍मों के लाभों के बारेमें किसानों को सक्रिय रूपसे जानकारी देनी चाहिए, जिससे उनके लाभों के बारेमें जागरुकता में वृद्धि हो सके। नरेंद्र मोदी ने कहाकि इन नई जलवायु अनुकूल और अधिक उपज देने वाली फसलों की किस्मों से किसानों की आय में भारी वृद्धि होगी। उन्होंने कहाकि उन्हें इस अवसर पर किसानों के अनुभवों को करीब से जानने का मौका मिला और उनके साथ प्राकृतिक खेती के लाभों पर विस्तार से चर्चा की। प्रधानमंत्री ने हर महीने एक दिन कृषि विज्ञान केंद्रों, आईसीएआर और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों को किसानों से जुड़ने का प्रस्ताव दिया, जिसका उद्देश्य कृषि से संबंधित मौजूदा मुद्दों से निपटना और आपसी सीख के माध्यम से निदान ढूंढ़ने का प्रयास करना होना चाहिए।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मौके पर मीडिया को बतायाकि यह कार्यक्रम प्रयोगशाला से भूमि कार्यक्रम का सबसे अच्छा उदाहरण है, यह किसानों केलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि 61 फसलों की 109 किस्मों से उन्हें अधिक उत्पादन, अधिक आय और खर्च कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहाकि इन फसलों के बीज जलवायु अनुकूल हैं और प्रतिकूल मौसम में भी अच्छी फसल दे सकते हैं। उन्होंने बतायाकि ये फसल किस्में पोषण से भरपूर हैं। कृषि मंत्री ने घोषणा कीकि तीन वर्ष के भीतर किसानों को सभी 109 किस्मों के बीज प्राप्‍त हो जाएंगे। उन्होंने कहाकि विदेशी आम की किस्मों का आयात वर्तमान में आवश्यक नहीं है, क्योंकि भारतीय किस्म अधिक उत्पादक, दिखने में अधिक मनोहर और बेहतर तरीके से रखे जाने के योग्‍य है, जिससे किसानों की आय और ज्यादा बढ़ सकती है। उन्होंने कहाकि ये नई फसल किस्में प्राकृतिक खेती केलिए उपयुक्त हैं। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी, रामनाथ ठाकुर, आईसीएआर के महानिदेशक एवं डेयर के सचिव हिमांशु पाठक, आस-पास के राज्यों से किसान तथा आईसीएआर के डीडीजी और अधिकारी भी उपस्थित थे।

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