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Wednesday 10 July 2013 12:35:29 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पालीटेक्निक संस्थाओं में डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु अभ्यर्थियों की मेरिट के अनुसार उनके भरे गए विकल्पों के वरीयताक्रम में कंप्यूटर से एनआईसी के सॉफ्टवेयर से संस्था का आवंटन होगा। अभ्यर्थियों के विकल्पों के आवंटन में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, किसी भी स्तर पर कोई गड़बड़ी की आशांका नहीं है। प्रदेश के विभिन्न जनपदों के 56 केंद्रों पर गत 5 जुलाई 2013 से काउंसिलिंग की प्रक्रिया जारी है। पॉलीटेक्निक संस्थाओं में डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रथम फेस में 1 से 40,000 ओपेन रैंक वाले अभ्यर्थियों को ही अवसर दिया गया है। विस्तृत विवरण के लिए जारी कार्यक्रम में इस बात का उल्लेख किया गया है और यह बिल्कुल नहीं है कि जो अभ्यर्थी पहले सीट लॉक करेगा उसे पहले आवंटन मिलेगा।
उत्तर प्रदेश के संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के सचिव योगेंद्र सिंह यादव ने बताया कि कतिपय काउंसिलिंग केंद्रों पर अभ्यर्थी प्रमाण-पत्रों की जांच व च्वाइस लॉकके लिए बिना जानकारी के अफरा-तफरी का माहौल बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि अभ्यर्थियों में अनुभव की कमी के चलते यह भ्रांति व आशंका हो रही है कि जो पहले च्वाइस लॉक करेगा, उसे पहले संस्था आवंटित हो जाएगी, लेकिन यह आशंका पूरी तरह निराधार है। अभ्यर्थियों की च्वाइस लॉक के बाद पूरी तरह पारदर्शी व्यवस्था के अंतर्गत एनआईसी के सॉफ्टवेयर के ही वरीयताक्रम में विकल्पों का आवंटन किया जाएगा। अभ्यर्थी अफवाहों पर ध्यान न दें, वे किसी भी समय अपनी च्वाइस लॉक कर सकते हैं, इससे सीट भरने से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।