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Sunday 26 January 2025 04:52:47 PM
नई दिल्ली। भारत आज 76वाँ गणतंत्र दिवस मना रहा है। मुख्य आयोजन देश की राजधानी नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर परंपरागत ऐतिहासिक परेड के साथ हुआ, जिसके मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो थे। कर्तव्य पथ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विशिष्ट अतिथियों की अगवानी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की। इस भव्य आयोजन में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, विदेशों के राजदूत, विशिष्ट आमंत्रित, मोदी मंत्रिमंडल के सदस्य पधारे। कर्तव्य पथ पर देश-दुनिया ने भारतीय प्रतिरक्षा प्रणाली को देखा और देश की सेना पर गर्व किया। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो कर्तव्य पथ पर देश के राज्यों की सांस्कृतिक और विशिष्ट झांकियों में विरासत और विकास की थीम का शानदार प्रदर्शन देखकर मंत्रमुग्ध हुए।
गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहाकि आज हम गौरवशाली गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। एक्स पर अलग-अलग पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहाकि इस अवसर पर हम उन सभी महान विभूतियों को नमन करते हैं, जिन्होंने हमारा संविधान बनाकर यह सुनिश्चित कियाकि हमारी विकास यात्रा लोकतंत्र, गरिमा और एकता पर आधारित हो। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह राष्ट्रीय उत्सव हमारे संविधान के मूल्यों को संरक्षित करने केसाथ ही एक सशक्त और समृद्ध भारत बनाने की दिशा में हमारे प्रयासों को और मजबूत करे, यही कामना है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 के सभी पद्म सम्मान प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने कहाकि प्रत्येक पुरस्कार और सम्मान प्राप्तकर्ता कड़ी मेहनत, जुनून और नवाचार का पर्याय है, जिसने असंख्य लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इंडोनेशिया गणराज्य के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो का राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उनके सम्मान में भोज का भी आयोजन किया। प्रबोवो सुबियांतो की भारत की पहली राजकीय यात्रा पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि भारत और इंडोनेशिया केबीच सभ्यतागत संबंध हजारों साल पुराने हैं। उन्होंने कहाकि बहुलवाद, समावेशिता और कानून के शासन के मूल्य दोनों देशों केलिए समान हैं और इन साझा मूल्यों ने हमारे समकालीन संबंधों को दिशा दी है। राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूपमें शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार करने केलिए राष्ट्रपति सुबिआंतो को धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति ने कहाकि यह ऐतिहासिक अवसर है, क्योंकि 75 साल पहले 1950 में हमारे पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे, यह हमारे दोनों देशों केबीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों और मजबूत लोकतांत्रिक परंपरा का प्रतिबिंब है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारत और इंडोनेशिया के सहस्राब्दी पुराने सभ्यतागत संबंधों को भी याद किया, जिसमें ओडिशा में मनाई गई 'बाली यात्रा' भी शामिल है, जो प्राचीनकाल में भारतीय नाविकों और व्यापारियों द्वारा भारत से बाली और हिंद प्रशांत के अन्य क्षेत्रों तक की गई यात्राओं की याद दिलाती है। राष्ट्रपति ने कहाकि समकालीन समय में हमारे विशाल उभरते बाजार, भौगोलिक निकटता और आर्थिक संरचनाओं में समानताएं द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के विस्तार की अपार संभावनाएं प्रदान करती हैं। राष्ट्रपति ने यह भी कहाकि रक्षा और अंतरिक्ष सहयोग हमारे द्विपक्षीय संबंधों के प्रमुख तत्वों के रूपमें उभर रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि इंडोनेशिया भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति और इंडो-पैसिफिक विजन का प्रमुख स्तंभ है। राष्ट्रपति ने कहाकि ग्लोबल साउथ के अग्रणी सदस्यों के रूपमें भारत और इंडोनेशिया जी-20 और आसियान के माध्यम से विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर निकटता से सहयोग करते हैं। उन्होंने ब्रिक्स में स्थायी सदस्य के रूपमें शामिल होने के लिए इंडोनेशिया को बधाई भी दी। दोनों नेता इस बात पर सहमत हुएकि व्यापक रणनीतिक साझेदार के रूपमें भारत और इंडोनेशिया कई नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं, जो इस यात्रा से और मजबूत होगा। इंडोनेशिया गणराज्य के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने कल संसद भवन का दौरा भी किया।
संसद भवन में उनका स्वागत करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहाकि भारत की उनकी यात्रा का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भारत के गणतंत्र बनने के 75 वर्ष पूरे होने के साथ संबद्ध है। राष्ट्रपति सुबियांतो ने नए संसद भवन की वास्तुकला और पूरे संसद भवन में प्रदर्शित विभिन्न कलाकृतियों, सांस्कृतिक विरासत एवं स्थापनाओं के प्रति गहरी रुचि दिखाई और उनकी सराहना की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राष्ट्रपति सुबियांतो को बतायाकि इन कलाकृतियों की संकल्पना देश के साहित्यिक, प्रतीकात्मक, वास्तुशिल्प संसाधनों और कलात्मक अभिव्यक्तियों को ध्यान में रखते हुए की गई है। उन्होंने कहाकि ये कलाकृतियां और सांस्कृतिक विरासत की कलाकृतियां समय केसाथ विकसित होती भारत की परंपरा का प्रतिनिधित्व करती हैं। ओम बिरला ने प्रबोवो सुबियांतो को भारत के संविधान की एक प्रति और संसद भवन की प्रतिकृति भेंट की। गौरतलब हैकि भारत और इंडोनेशिया के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंध हैं, जिनकी जड़ें इतिहास में गहराई से जुड़ी हुई हैं। रामायण और महाभारत महाकाव्यों से प्रभावित ये संबंध दोनों देशों के सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों में परिलक्षित होते हैं, जो समय के साथ और भी ज्यादा प्रगाढ़ हुए हैं।