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'मिथिला में बनेगा माता सीता का भव्य मंदिर'

गांधीनगर में शाश्वत मिथिला महोत्सव में बोले गृहमंत्री अमित शाह

'मिथिलांचलवासी गुजरात में सुरक्षित सम्मानजनक और स्वागत योग्य'

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Monday 10 March 2025 01:55:32 PM

home minister amit shah at the shaashvat mithila festival in gandhinagar

गांधीनगर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गांधीनगर में आयोजित शाश्वत मिथिला महोत्सव-2025 को संबोधित करते हुए कहा हैकि गुजरात के विकास में बिहार के लोगों, खासकर मिथिलांचलवासियों का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहाकि गुजरात में वे सुरक्षित, सम्माननीय और स्वागत योग्य हैं। अमित शाह ने कहाकि गुजरात ने हमेशा देश और दुनिया के लोगों का स्वागत किया है, नई-नई विचारधाराओं और हर तरह की जीवन पद्धतियों का भी स्वागत किया है। उन्होंने कहाकि मिथिला महाभारत और रामायणकाल से विद्वानों, वाद-विवाद और मीमांसा की धरती है। अमित शाह ने जिक्र कियाकि अपने बिहार दौरे के दौरान उन्होंने कहा थाकि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बन चुका है और अब माता सीता का मंदिर बनाने का समय है। उन्होंने कहाकि आनेवाले समय में जल्द ही मिथिला में माँ जानकी का एक भव्य मंदिर बनाया जाएगा, जो दुनियाभर की नारी शक्ति को आदर्श जीवन का संदेश देगा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि मिथिलांचल माँ सीता की जन्मभूमि और जनक जैसे विद्वान राजर्षि की भूमि है, जहां अष्टावक्र मुनि ने अष्टावक्र गीता की रचना की। उन्होंने कहाकि मिथिलांचल में याज्ञवल्क्य जैसे ज्ञानी और ऋषि गौतम एवं मंडन मिश्र जैसे दार्शनिक हुए हैं और इस धरती ने ज्योतिरिश्वर ठाकुर और महाकवि विद्यापति जैसे कवि दिए। अमित शाह ने कहाकि हमारे प्राचीन सनातन ग्रंथों में मिथिला और मिथिलावासियों के योगदान का काफी जिक्र मिलता है, जिनमें शतपथ ब्राह्मण, वाल्मीकि रामायण, महाभारत, बौद्ध साहित्य और जैन साहित्य शामिल हैं। उन्होंने कहाकि महाकवि कालिदास ने अपनी रचना रघुवंशम, श्रीहर्ष ने नैषधीयचरित और जयदेव ने प्रसन्न राघव में मिथिला की चर्चा की है, इन कवियों ने मिथिला को शिक्षा, सरस्वती की उपासना केसाथ जोड़ा और मिथिला का वर्णन ज्ञान की भूमि के रूपमें किया है। उन्होंने कहाकि रामायण और महाभारत से लेकर पुराणों तक, वेद-वेदांत, मीमांसा और समृद्ध साहित्य, इनकी रचना का अगर मूल ढूंढा जाए तो सभीका मूल हमारी मिथिला में ही मिलता है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी कहते हैंकि भारत लोकतंत्र की जननी है और यहां लोकतंत्र की शुरुआत ही विदेह और मिथिला ने कराई थी। अमित शाह ने कहाकि तथागत महात्मा गौतम बुद्ध ने अनेक बार कहाकि जबतक विदेह के लोग आपस में मिलकर रहेंगे, तबतक कोई उन्हें हरा नहीं सकता और मिथिला ने लोकतंत्र के रूपमें एक मजबूत ताकत खड़ी की, जो सालों तक पूरे देश-दुनिया को संदेश देती रही है। अमित शाह ने कहाकि मिथिला शास्त्रार्थ की भी भूमि है, राजा जनक और याज्ञवल्क्य का शास्त्रार्थ हो या मंडन मिश्र और शंकराचार्य का शास्त्रार्थ हो, संवाद से समाधान की परंपरा का पालन पूरे विश्व में सबसे मुक्त रूपसे कहीं हुआ तो वो मिथिला में हुआ, इस परंपरा का सम्मान पूरा विश्व करता है। उन्होंने कहाकि भारत की ज्ञान परंपरा को ध्यान से देखें तो प्रमुख मानेजाने वाले छह दर्शन में से चार दर्शन-सांख्य दर्शन, न्याय दर्शन, मीमांसा और वैशेषिक दर्शन-मिथिला की भूमि पर निर्मित किए गए, इन चारों दर्शन की रचना मिथिलांचल के विद्वानों ने की।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि मिथिला की नारी शक्ति ने प्राचीनकाल से ही देश में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, मिथिला में नारियों का भी हमेशा से सम्मान हुआ है, मिथिला में जितना सम्मान याज्ञवल्क्य और कणाद मुनि का है, उतना ही सम्मान मैत्रेयी, गार्गी और भारती का है। उन्होंने कहाकि मंडन मिश्र और शंकराचार्य के शास्त्रार्थ की अध्यक्षता करने की जिम्मेदारी मंडन मिश्र की पत्नी भारती को दी गई थी और उन्होंने बड़ी स्पिरिट केसाथ न्यायिक तरीके से शंकराचार्य को विजेता घोषित किया, यह सिर्फ मिथिला में संभव है। अमित शाह ने कहाकि दुनिया की आदर्श नारी, आदर्श पत्नी और आदर्श माता की प्रतीक और भारतीय संस्कृति की प्रतिमूर्ति माता सीता की जन्मस्थली मिथिलांचल ही है। गृहमंत्री ने कहाकि गुजरात के अलग-अलग हिस्सों में बसे मिथिलांचलवासियों ने गांधीनगर में एक भवन बनाया है, जो मिथिला के लोगों केलिए काफी सुविधाजनक सिद्ध होगा, साथही यहां महाकवि विद्यापति की एक प्रतिमा स्थापित की गई है। महोत्सव के उद्घाटन कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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