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Tuesday 30 July 2013 11:17:55 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम और रोज़गार मंत्री शीश राम ओला ने इस बात पर जोर दिया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को भविष्य निधि के दावों के समय पर निपटारे को प्राथमिकता देनी चाहिए। ईपीएफओ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक में श्रम मंत्री ने जोर देकर कहा कि वे प्रौद्योगिकी की उपलब्धता और सुधार के कारण नागरिक दावों के निपटारे में सक्षम और पारदर्शी व्यवस्था की आशा करते हैं, इपीएफओ को सभी दावों को उनकी प्राप्ति के 30 दिनों में निपटाने के लिए निर्देशित किया गया है।
श्रम मंत्री के संज्ञान में यह भी लाया गया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को निपटारे के लिए प्रत्येक माह 12.74 लाख की औसत से आवेदन प्राप्त होते हैं। आशा है कि चालू वित्त वर्ष में दावा निपटान हेतु 152.87 लाख आवेदन प्राप्त होंगे। निरंतर निरीक्षण के कारण 30 दिनों से अधिक लंबित पड़े दावों की संख्या जो 3-7-2013 को 12,702 थी, जो 26-7-2013 को घट कर केवल 5268 रह गई है। इस संख्या को इससे भी नीचे लाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
ईपीएफओ ने रिपोर्ट की कि 3-7-2013 को ईपीएफओं के 120 कार्यालयों में से 20 कार्यालयों में आवेदन प्राप्त होने के 3 दिनों के भीतर 60 प्रतिशत मामलों का निपटारा हो जाता है। इस महीने उसके तीन और नये कार्यालय भी प्राप्त होने के तीन दिनों के भीतर दावा निपटाने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। ईपीएफओ के तीन कार्यालय जिन्होंने इस मील के पत्थर सी उपलब्धि को हासिल किया है, वह तीन कार्यालय मैसूर, सूरत और भडूच में हैं। तदनुसार, ओला ने 27 कार्यालयों में दावा निपटारे की गति में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर संतोष व्यक्त किया।
श्रम मंत्री ने उन कुछ कार्यालयों की भी प्रशंसा की जिनका स्टॉफ प्रतिदिन 20 से अधिक दावों का निपटारा कर रहा है। नोएडा और गुडगांव के कार्यालय इस क्रम में दावा निपटारे की सक्षमता में शीर्ष स्थान पर हैं। इनमें से प्रत्येक कार्यालय में प्रत्येक स्टॉफ प्रतिदिन 27 दावों का निपटारा कर रहा है। ईपीएफओ के स्टॉफ के कई उत्तरदायित्वों में से दावों का निपटान भी एक दायित्व है।