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Thursday 1 August 2013 09:35:46 AM
अलवर। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने अलवर में केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभाग) की उपस्थिति में नेशनल टीका एक्सप्रेस की शुरूआत की। नेशनल टीका एक्सप्रेस की शुरूआत बच्चों को खतरनाक बीमारियों से बचाने के लिए की गई है। उल्लेखनीय है कि टीकाकरण कार्यक्रम के तहत एएनएम भंडारण केंद्रों से टीका लेकर उन्हें टीकाकरण स्थलों जैसे उप-केंद्रों या आंगनवाड़ी केंद्रों तक पंहुचाती हैं। वर्ष 2005-06 से केंद्र सरकार एनआरएचएम के अंतर्गत वैकल्पिक टीका वितरण (एवीडी) के तहत अंतिम भंडारण केंद्र से टीकाकरण केंद्र तक वितरण के लिए सहायता प्रदान करती है।
वर्ष 2012-13 में वैकल्पिक टीका वितरण कार्यक्रम के तहत राज्यों को 79.3 करोड़ रूपए की सहायता दी गई, लेकिन केंद्र सरकार ने दुर्गम क्षेत्रों में इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन में कुछ कमियां महसूस कीं। कई मामलों में टीकाकरण से एक दिन पहले एएनएम को टीका एकत्र करना पड़ता था, जिससे शीतगृह के बाद इसके रखरखाव और इसके प्रभाव में कमी होने की संभावना बनी रहती थी। भंडारण में कमी के कारण टीकाकरण के बाद इसके प्रतिकूल परिणाम होने की आंशका भी बनी रहती थी।
इन कारणों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने नेशनल टीका एक्सप्रेस के रूप में इस नवीन और महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की शुरूआत की है। नेशनल टीका एक्सप्रेस के तहत विशेष वाहन टीकों के वितरण में सहायता करने के साथ-साथ अंतिम शीतगृह से टीकाकरण केंद्र तक इसे पंहुचाने में सहायता करने के साथ मोबाइल टीकाकरण केंद्रों में कार्यक्रम आयोजित करने में भी मदद करेंगे। टीकों की हानि रोकने और मंहगे टीकों के बेहतर प्रयोग के लिए टीका एक्सप्रेस में शीतगृह की सुविधा भी होगी, जिससे खुले और प्रयोग न किए गए टीकों का बाद में प्रयोग किया जा सके।
टीका एक्सप्रेस स्वास्थ्य सुविधा और स्वास्थ्य कर्मी रहित क्षेत्रों में मोबाइल स्वास्थ्य केंद्र के रूप में काम करेगी। इसके साथ टीकाकरण कार्यक्रम के क्षेत्र और इसके प्रभाव से संबधित रिपोर्ट को एकत्र कर पीएससी में इसका संकलन और रिपोर्ट तैयार करने में मदद मिलेगी। टीका एक्सप्रेस की शुरूआत दुर्गम क्षेत्रों और कम टीकाकरण वाले 69 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में की जाएगी। इस जिलों के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से 1,850 वाहनों खरीदे जाएंगे। कार्यक्रम के पहले चरण में 5 राज्यों के 6 जिलों में से राजस्थान-अलवर (64 वाहन) उत्तरप्रदेश–श्रावस्ती-(11 वाहन), हरियाणा-मेवात-(9 वाहन), जम्मू और कश्मीर-डोडा (8) और पुंछ और मध्यप्रदेश-टीकमगढ़ में 18 वाहन खरीदे जाएंगे।