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Saturday 3 August 2013 10:59:51 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने समेकित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के सर्कुलर संख्या 1/2013 के अनुच्छेद 6.2.16.5 (1), (iii), (iv)और (vi) में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। समेकित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के सर्कुलर संख्या 1/2013 के अनुच्छेद 6.2.16.5 (1), (iii) में संशोधन अमरीकी डॉलर 100 मिलियन की पहली खेप के कम से कम 50 प्रतिशत का निवेश बैकएंड मूल सुविधाओं में तीन वर्षों के अंदर किया जाएगा। बैकएंड मूल सुविधा में सभी तरह की पूंजी व्यय संबंधी गतिविधियां शामिल होंगी, लेकिन फ्रंटएंड यूनिट की गतिविधियां शामिल नहीं की जाएंगी। उदाहरण के लिए बैकएंड मूल सुविधा में प्रसंस्करण, विनिर्माण, वितरण, डिजाइन सुधार, क्वालिटी कंट्रोल आदि पर खर्च शामिल किया जाएगा।
समेकित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के सर्कुलर संख्या 1/2013 के अनुच्छेद 6.2.16.5 (1) (iv) में संशोधन जो भी विनिर्मित/ प्रसंस्कृत माल खरीदा जाएगा, उसकी खरीद के कम से कम 30 प्रतिशत मूल्य के बराबर भारत के सूक्ष्म, लघु एवं मध्य श्रेणी के उद्योगों से खरीदा जाएगा, जिसमें से अमरीकी डॉलर 2.00 मिलियन से अनधिक संयत्र और मशीनरी पर निवेशित किया जाएगा। समेकित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के सर्कुलर संख्या 1/2013 के अनुच्छेद 6.2.16.5 (1) (vi) में संशोधन खुदरा भंडार सिर्फ उन शहरों में खोले जाएंगे, जिनकी जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 10 लाख होगी अथवा उन शहरों में खोले जाएंगे, जहां के लिए राज्य सरकार फैसला करेगी और म्युनिसिपल/ शहरी क्षेत्र का लगभग दस किलोमीटर के दायरे में आने वाला क्षेत्र इसके अंतगर्त लाभांवित किया जाएगा। खुदरा भंडार वहीं होंगे, जो स्थान शहर की मास्टर/जोनल योजनाओं के अंतर्गत उपयुक्त होंगे तथा परिवहन संपर्क और पार्किंग के लिए इन स्थानों पर उपयुक्त व्यवस्था की जाएगी।