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Tuesday 6 August 2013 11:09:26 AM
नई दिल्ली। बारहवीं योजना के दौरान मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएमएस) में सुधार करने का प्रस्ताव है। मध्याह्न भोजन योजना का जनजाति, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक बहुल जिलों के गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में विस्तार किया जाएगा। प्राथमिक विद्यालयों की परिसरों में स्थित पूर्व-प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों के लिए भी इस योजना का विस्तार है। मौजूदा घटकों या स्कूलों के लिए सहायता के तौर तरीकों का संशोधन, मध्याह्न भोजन मूल्य सूचकांक का विशेष रूप से मध्याह्न भोजन की वस्तुओं के मूल्य पर आधारित खाने की लागत का संशोधन, उत्तर-पूर्वी प्रदेश (एनईआर) को छोड़कर अन्य राज्यों के लिए माल वहन सहायता का संशोधन। इसकी 75 रुपये प्रति क्विंटल की मौजूदा सीमा बढ़ाकर 150 रुपया प्रति क्विंटल की गई है।
वर्ष 2013-14 और 2014-15 के दौरान रसोइया-सहायकों का मानदेय 1000 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपया और वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 के दौरान रसोइया-सहायक का मानदेय 2000 रुपये प्रति माह किया गया है। खाद्यान्न लागत, खाना पकाने की लागत, माल वहन सहायता तथा रसोइया-सहायक को मिलने वाले मानदेय के लिए कुल पुनरावर्ती केन्द्रीय सहायता के तीन प्रतिशत की दर से प्रबंधन निगरानी और मूल्यांकन दरों का संशोधन किया है। नये स्कूलों के लिए किचन की बर्तन खरीदने और हर पांच साल बाद किचन के बर्तनों को बदलने के लिए 15000 रुपये प्रति स्कूल की दर से केंद्रीय सहायता की पद्धति का संशोधन है। सहायता की यह राशि केंद्र और राज्यों के बीच 75:25 के अनुपात से और उत्तर-पूर्वी प्रदेश के राज्यों में 90:10 के अनुपात से वहन की जाएगी।