स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 7 August 2013 12:23:30 PM
नई दिल्ली। कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि नाभिकीय विद्युत संयंत्र (एनपीपी) को कमीशन करने के कार्य में, प्रणाली-वार अलग-अलग तथा एकीकृत रूप में भी कई बार जांच और परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किए जाते हैं कि क्या सभी प्रणालियां डिजायन के अनुसार कार्य कर रही हैं और सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण सभी प्राचल स्वीकार्य मानदंडों के अनुरूप हैं। इन कमीशन संबंधी परीक्षणों को विभिन्न चरणों में किया जाता है। परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद (एईआरबी) की सुरक्षा संबंधी समितियां अगले चरण के लिए अनुमति देने से पूर्व प्रत्येक चरण के परीक्षण संबंधी परिणामों की पुनरीक्षा करती है।
कुडनकुलम नाभिकीय विद्युत परियोजना (केकेएनपीपी) के यूनिट-1 ने (पहली बार नियंत्रित स्वपोषी विखंडन श्रृंखला अभिक्रिया प्रारंभ करने के लिए) 13 जुलाई 2013 को पहली बार क्रांतिकता प्राप्त की है। क्रांतिकता प्राप्त करने के बाद, निम्न विद्युत भौतिकी परीक्षण करने का कार्य, निर्धारित प्रक्रियाओं और विनियामक संबंधी अनुमति के अनुसार पूरा किया गया है। कमीशन का अगला चरण, जिसमें विद्युत के स्तर में क्रमिक रूप से की जाने वाली वृद्धि और भिन्न-भिन्न विद्युत स्तरों पर किए जाने वाले विभिन्न परीक्षण शामिल हैं, परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद ने निम्न विद्युत भौतिकी संबंधी परीक्षणों के चरण पर प्राप्त किए गए परीक्षण संबंधी परिणामों की पुनरीक्षा की प्रक्रिया पूरी किए जाना, और न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को दिया जाने वाला अपेक्षित अनुमोदन शामिल है, के बाद ही शुरू किया जाएगा। परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद ने यह अनुमति प्रदान किए जाने के बाद, इस यूनिट को दक्षिणी ग्रिड के साथ जोड़ने और उसमें विद्युत का उत्पादन करने के कार्य में लगभग 45 दिन का समय लगने की आशा है।