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कृषि के लिए वर्ष 2013 खास-राष्‍ट्रपति

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Wednesday 7 August 2013 12:31:58 PM

pranab mukherjee

चेन्‍नई। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज चेन्‍नई में एमएस स्‍वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के रजत जयंती समारोहों में भाग लिया। इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारतीय कृषि और सामाजिक इतिहास के क्षेत्र में वर्ष 2013 एक महत्‍वपूर्ण मील का पत्‍थर है। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्‍यादेश को पारित किया गया और इस संबंध में एक विधेयक को आज लोकसभा में पेश किया गया है। उन्‍होंने पूरा विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि संसद इस उपाय को अपनी मंजूरी देगी। उन्‍होंने विश्‍वास व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि यह पहल विश्‍व भर में भूख के खिलाफ सामाजिक संरक्षण का सबसे बड़ा कदम होगा। इसके माध्‍यम से हमारी जनसंख्‍या के दो-तिहाई हिस्‍से को किफायती दर पर खाद्य पदार्थ की उपलब्‍धता का वैधानिक अधिकार होगा।
राष्‍ट्रपति ने कहा कि अधिकारों पर आधारित खाद्य की यह पहल तभी टिकाऊ हो सकेगी, यदि भारत अपने किसानों और कृषि उद्योग की ओर अधिकाधिक ध्‍यान देगा। प्रोफेसर एमएस स्‍वामीनाथन की अध्‍यक्षता में राष्‍ट्रीय किसान आयोग ने अपने बहुमूल्‍य सुझाव में कहा है कि हरित क्रांति को नित-हरित क्रांति के रूप में बदलने की जरूरत है, जिससे पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाए बिना अधिकाधिक उत्‍पादन सुनिश्चित किया जा सके।
राष्‍ट्रपति ने भारत की हरित क्रांति और खाद्य के क्षेत्र में आत्‍मनिर्भरता के लिए प्रोफेसर एमएस स्‍वामीनाथन के योगदान की चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि स्‍वामीनाथन के उत्‍कृष्‍ट कार्यों के लिए राष्‍ट्र उन्‍हें हमेशा याद रखेगा। राष्‍ट्रपति ने केरल के मुख्‍यमंत्री ओमेन चांडी को वैश्विक तौर पर महत्‍वपूर्ण कृषि विरासत प्रणाली के रूप में एफएओ के द्वारा कुट्टानाड में समुद्र तल से नीचे वाली कृषि प्रणाली की मान्‍यता देते हुए एक प्रतीकचिन्‍ह भेंट किया।

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