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Wednesday 7 August 2013 12:40:07 PM
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ शशि थरूर ने लोकसभा में बताया कि परसेंटाइल विभिन्न बोर्डों में तुलना करने का एक अच्छा आधार है और यह पक्षपात रहित है। उन्होंने कहा कि इसमें विभिन्न बोर्डों की परीक्षाओं की भिन्नता को ध्यान में रखा गया है। इस वर्ष की परीक्षा के आंकड़ों पर आधारित सबसे ऊंचे 20 परसेंटाइल का कट-ऑफ प्रतिशत एक बोर्ड का दूसरे बोर्ड से भिन्न है, क्योंकि विभिन्न बोर्ड अलग-अलग तरीके से मूल्यांकन करते हैं, इसलिए विभिन्न बोर्डों के छात्रों की उचित तुलना सुनिश्चित करने के लिए परसेंटाइल का प्रयोग किया गया है।
संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) (उन्नत) की नई योजना में जेईई (मेन) परीक्षा में अपने निष्पादन पर आधारित सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले केवल 1.5 लाख प्रतियोगी ही जेईई (उन्नत) परीक्षा में बैठने के लिए सफल होते हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थाओं (आईआईटी) में प्रवेश कुछ शर्तों के साथ जेईई (उन्नत) में अखिल भारतीय स्तर पर श्रेणी वार उनके स्तर पर आधारित होता है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थाओं (एनआईटी) में प्रवेश संयुक्त योग्यता सूची पर आधारित होता है। इसमें 12वीं कक्षा के बोर्ड में प्रतियोगियों के निष्पादन के लिए 40 प्रतिशत अंक रखे गए हैं और शेष 60 प्रतिशत अंक जेईई (मेन) में उनके निष्पादन के लिए हैं। यह प्रणाली समान रूप से सभी छात्रों के लिए लागू होगी और इसलिए इसमें किसी के साथ भेदभाव होने की कोई संभावना नहीं है।