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Tuesday 13 August 2013 08:31:07 AM
नई दिल्ली। पोत-परिवहन मंत्री जीके वासन ने लोक सभा में बताया कि वाणिज्यिक पोतों को सशस्त्र सुरक्षा गार्ड उपलब्ध करवाने का दायित्व सरकार का नहीं है, तथापि सरकार ने भारतीय पताका वाले वाणिज्यिक पोतों पर निजी सशस्त्र सुरक्षा गार्डों की तैनाती पर उपयुक्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं, खासतौर से जबकि वे अफ्रीका में अदन की खाड़ी क्षेत्र के उच्च जोखिम क्षेत्र से गुजर रहे हों। सरकार ने विभिन्न बचाव, रोकथाम सुरक्षा उपाय किए हैं, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ और भी बातें शामिल हैं।
जैसे-सेफ हाऊस, सिटाडेल सहित समुद्री डकैती रोकने के व्यापक उपायों (सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन प्रणालियों) का प्रावधान करते हुए वर्ष 2011 का एमएस नोटिस संख्या 1 जारी किया जाना। डीजीएसएमएस नोटिस संख्या 3/2010 से सलालाह और माले को जोड़ने वाली रेखा के दक्षिण या पश्चिम जलक्षेत्र में जलयानों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया जाना। वर्ष 2008 से अदन की खाड़ी में भारतीय नौसेना पोतों से नौसेना सुरक्षा उपलब्ध करवाया जाना। भारतीय अनन्य आर्थिक जोन और 65 डिग्री पूर्व देशांतर तक पश्चिमी दिशा में भारतीय नौसेना से निगरानी बढ़ाया जाना। भारत की अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन की सुरक्षा बैठकों, सोमालिया के तट से डकैती पर संपर्क दल और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मंचों में सक्रिय भागीदारी। बंधक कर्मीदल के कल्याण, उनकी रिहाई और साथ ही उनके मेहनताने का भुगतान जारी रखने के प्रयासों पर जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए पताका राष्ट्र के लिए 21 से 30 नवंबर 2011 को लंदन में हुई अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन की एसेंबली बैठक में दस्तावेज़ संख्या 27/9/1 प्रस्तुत किया जाना।