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Wednesday 14 August 2013 09:32:38 AM
कोलकाता। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोलकाता में पेयजल गुणवत्ता के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र की स्थापना के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। इस केंद्र को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम-1860 के अंतर्गत एक समिति के रूप में पंजीकृत किया जाएगा, जिसे अपेक्षित जन शक्ति, भवन और आधारभूत संरचनात्मक समर्थन प्रदान होगा। पश्चिम बंगाल सरकार यह केंद्र इस प्रयोजनार्थ चुने गए इलाके अर्थात जोका, डायमंड हार्बर रोड, कोलकाता स्थित 8.72 एकड़ भूमि पर स्थापित करेगी।
इस केंद्र का मूलभूत उद्देश्य भारत (शहरी एवं ग्रामीण दोनों) में पेयजल गुणवत्ता से संबंधित समस्याओं पर अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए इसका चयन, निदान और प्रबंधन के क्षेत्र में काम करना है तथा इसमें अन्य आर्सनिक व फ्लोराईड के साथ-साथ अन्य अपमिश्रणों पर शोध करना शामिल है। इस केंद्र से केंद्र एवं राज्य सरकारों के साथ-साथ अन्य देशों के जल गुणवत्ता मामलों में अनुरोध किये जाने पर नीतिगत परामर्श भी उपलब्ध कराया जाएगा।
यह केंद्र सुरक्षित एवं अन्य पेयजल की व्यवस्था के माध्यम से देश की संपूर्ण जनसंख्या को फायदा पहुंचाएगा, चूंकि देश भर में बैक्टिरिया अपमिश्रण की स्थिति न्यूनाधिक रूप में सभी ओर व्याप्त है, अत: यह देश के सभी राज्यों, जिलों में विस्तारित होगा तथा समस्या ग्रस्त राज्यों, जिलों में पेयजल की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस परियोजना की कुल लागत 176.64 करोड़ रुपए है। संपूर्ण खर्च केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय ग्रामीण पेय जल कार्यक्रम के अंतर्गत पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय को प्रदत्त निधि से वहन किया जाएगा।