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Sunday 18 August 2013 10:37:52 AM
श्रीनगर। कश्मीर घाटी के जाने-माने हृदयरोग विशेषज्ञ, एसकेआइएमएस के पूर्व निदेशक और राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ जलाल-उद-दीन का देहांत हां गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने उनके निधन पर दुख प्रकट किया है। वे घाटी के बहुत मशहूर हृदयरोग विशेषज्ञ और अच्छे डॉक्टर थे, जिन्होंने घाटी के लोगों को उच्च-स्तर की सुपरस्पेशियलिटी सेवाएं दीं, यहां तक कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्होंने यह सेवा जारी रखी।
डॉ जलाल हालांकि अत्यधिक प्रतिष्ठित डॉक्टर थे, लेकिन उन्होंने पैसे की परवाह किए बिना राज्य के लोगों के कल्याण के लिए अपने ज्ञान एवं कौशल का इस्तेमाल किया। उन्होंने कभी इस बात की परवाह नहीं की कि वे देश के बेहतरीन निजी अस्पताल में या विदेश में भी ज्यादा पैसे वाली नौकरी हासिल कर सकते हैं, बल्कि अपने देशवासियों की सेवा करने का विकल्प चुना। डॉ जलाल उन बहुत दुर्लभ मेडिकल प्रोफेशनलों से ताल्लुक रखते थे, जो लोगों की सेवा करना अपना फर्ज और विशेषाधिकार समझते हैं।
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय स्तर के संस्थान राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के उपाध्यक्ष के रूप में उनके समृद्ध योगदान की भी तारीफ की जा रही है। गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि उनकी मृत्यु से हमने समर्पित और अत्यधिक प्रेरक इंसान खो दिया है, जो हमेशा दूसरों की मदद करने को तत्पर रहते थे। उनकी सेवाएं आने वर्षों तक याद रहेंगी।
डॉ जलाल ने कल सुबह नई दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली, जहां उनका इलाज किया जा रहा था। हाल ही में उन्हें श्रीनगर से लाकर एम्स में भर्ती कराया गया था। डॉ जलाल श्रीनगर के निकट पम्पोर में अपने गृह नगर में उग्रवादी हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आज़ाद ने डॉ जलाल की पत्नी और उनके पुत्र से एम्स में मुलाकात की और उनके निधन के प्रति संवेदना प्रकट की।