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Friday 6 September 2013 09:49:22 AM
नई दिल्ली। कांग्रेस और यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज महिला और बाल विकास मंत्रालय के 'अहिंसा संदेशवाहक' कार्यक्रम की शुरुआत की। इसकी अध्यक्षता महिला और बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने की। इस अवसर पर पंचायती राज और जनजातीय मामलों के मंत्री वी किशोर चंद्र देव तथा जेपी अग्रवाल संसद सदस्य उपस्थित थे। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से करीब 30 हजार किशोरियां, जिन्हें किशोर लड़कियां या सबला के सशक्तिकरण के लिए राजीव गांधी योजना के तहत लाभ मिला है, वे भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।
महिला और बाल विकास मंत्रालय के इस प्रयास के तहत महिलाओं के विरूद्ध की गई किसी भी प्रकार की हिंसा को देश के विभिन्न भागों में जमीनी स्तर पर अनेक अहिंसा संदेशवाहक बनाकर जन-आंदोलन के माध्यम से इसका निपटारा किया जाएगा। महिलाओं और लड़कियों की विरुद्ध की गई हिंसा के कई बुरे परिणाम सामने आते हैं और इससे परिवारों और समुदायों को नुकसान पहुंचता है। मंत्रालय ने हिंसा के विरूद्ध महिलाओं का सशक्तिकरण करने के लिए अहिंसा संदेशवाहक नाम का कार्यक्रम तैयार किया है। मंत्रालय की अहिंसा संदेशवाहक की अवधारणा पहले शुरू की हुई है, तथापि महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध बढ़ती हुई हिंसा के संदर्भ में एक परिपूर्ण कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसमें कई आयामों को शामिल किया गया है।
इसमें देश में लैंगिक मुद्दों पर जागरूकता कार्यक्रम शृंखलाबद्ध तरीके से संचालित करना, देश में जमीनी स्तर पर कार्य करने वालों के लिए संवेदना परक तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम शृंखलाबद्ध तरीके से लागू करना,लैंगिक संवेदना परक मॉड्यूल-पाठ्यक्रम लागू करना तथा विकसित करना जो कि अब कई राज्यों के विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों में शुरू किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को सभी आँगनवाड़ी केंद्रों, सभी पंचायती राज संस्थानों, सबला, किशोरियों (16-18 वर्ष के आयु वर्ग में) के माध्यम से लागू किया जाएगा एवं महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमईडब्ल्यू) के तहत पूर्णा शक्ति केंद्र (पीएसके) के समन्वयकों को अहिंसा संदेशवाहक के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।