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Sunday 8 September 2013 08:00:55 AM
नई दिल्ली। लोकसभा ने बुधवार को पेंशन कोष नियामक तथा विकास प्राधिकरण विधेयक 2011 को पारित कर दिया। इससे पहले इसे 24 मार्च 2011 को संवैधानिक नियामक संस्था पेंशन कोष नियामक तथा विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) बनाने के लिए लोकसभा में पेश किया गया था। यह विधेयक नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के नियमन का अधिकार पीएफआरडीए को देता है। पीएफआरडीए बिल-2011, 29 मार्च 2011 को वित्त मंत्रालय की स्थायी समिति को विचार के लिए भेजा गया था। स्थायी समिति ने 30 अगस्त 2011 को अपनी रिपोर्ट दी।
स्थायी समिति की सिफारिशों के आधार पर बिल में शामिल कुछ प्रमुख संशोधन इस प्रकार हैं-न्यूनतम निश्चित लाभ की इच्छा रखने वाले उपभोक्ताओं को प्राधिकरण ने अधिसूचित न्यूनतम निश्चित लाभ योजनाओं में अपने धन के निवेश का विकल्प होगा। उपभोक्ताओं को व्यक्तिगत पेंशन खाते से धन की निकासी की सशर्त अनुमति दी जाएगी। इन शर्तों में धन निकासी का उद्देश्य, सीमा तथा तेजी शामिल है। पेंशन क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 26 प्रतिशत या बीमा क्षेत्र के लिए ऐसा स्वीकृत प्रतिशत जो भी अधिक हो। पेंशन फंड मैनेजरों में से कम से कम एक सार्वजनिक क्षेत्र से होगा। पीएफआरडीए कानून के तहत नियम बनाने जैसे महत्वपूर्ण मामलों पर पीएफआरडीए को सलाह देने के लिए एक पेंशन सलाहकार समिति स्थापित की जाएगी, जिसमें सभी हितधारकों का प्रतिनिधित्व होगा।
इसके अतिरिक्त विधेयक पेंशन कोष नियामक तथा विकास प्राधिकरण को वैधानिक संस्था बनाएगा। फिलहाल इसका दर्जा गैर वैधानिक है। नई पेंशन प्रणाली धन अर्जन के साथ धन बचत के सिद्धांत पर आधारित है। यह विशेष रूप से अवकाश प्राप्ति के लिए है और उनके लिए जिनकी नियमित आय है। विधेयक में उपभोक्ताओं को अपने धन का निवेश करने के व्यापक विकल्प दिए जाएंगे। इनमें सरकारी ब्रांड में निवेश का विकल्प तथा उनकी जोखिम क्षमता के अनुरूप अन्य कोष में निवेश का विकल्प भी होगा।
नई पेंशन प्रणाली 1 जनवरी 2004 को सेवा में प्रवेश करने वाले केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों (सशस्त्र सेनाओं को छोड़ कर) के लिए अनिवार्य बनाई गई है, 26 राज्यों ने अपने कर्मचारियों के लिए नई पेंशन प्रणाली की अधिसूचना जारी की है। एनपीएस पहली मई 2009 से देश के सभी नागरिकों के लिए लाई गई है। इसमें असंगठित क्षेत्र के मजदूर स्वैच्छिक आधार पर शामिल हो सकते हैं। असंगठित क्षेत्र के लोगों को उनकी अवकाश प्राप्ति के लिए बचत को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने स्वावलंबन योजना की शुरूआत 2010-11 के बजट में की है।
इस योजना में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का अभिदान होगा, 14 अगस्त 2013 को एनपीएस के तरह 52.83 लाख उपभोक्ता हैं और एनपीएस में 34,965 करोड़ का कोष है। बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं के धन प्रबंधन और निवेश को कारगर बनाने तथा एनपीएस की साख को सुनिश्चित करने के लिए पीएफआरडीए जैसी वैधानिक संस्था बनाई गई है, जिसकी परिभाषित शक्तियां कर्तव्य तथा उत्तरदायित्व होगा और इससे एनपीएस के सभी उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।
पीएफआरडीए विधेयक संस्था को अधिसूचना के जरिए पेंशन सलाहकार समिति स्थापित करने का अधिकार पीएफआरडीए विधेयक-2011 के उपखंड-44 के तहत देता है। पेंशन सलाहकार समिति का उद्देश्य पीएफआरडीए कानून के तहत नियम बनाने के मामले में प्राधिकरण को सलाह देना है। बाजार आधारित लाभ तथा विभिन्न निवेश विकल्पों के उपलब्ध होने से पेंशन सेक्टर को उपभोक्ताओं में विश्वास बनाने में सफलता मिलेगी और श्रेणी-1 पेंशन खाते से सीमित उद्देश्य के लिए धन की निकासी की व्यवस्था से नई पेंशन प्रणाली में शामिल होने का प्रोत्साहन मिलेगा।