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Monday 16 September 2013 09:52:01 AM
नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) परिषद की आज यहां हुई 47वीं बैठक में इन संस्थानों की वैश्विक स्थितिऔर इनमें अनुसंधान को बढ़ावा देने पर मुख्य रूप से विचार-विमर्श किया गया। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ एमएम पल्लम राजू की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में परिषद के सदस्यों के अलावा 16 आईआईटी के अध्यक्षों और निदेशकों ने भी भाग लिया। बैठक में कहा गया कि इन संस्थानों में अनुसंधान की व्यवस्था को रक्षा, उर्जा, शहरी विकास और विनर्माण क्षेत्र के राष्ट्रीय विकासात्मक लक्ष्यों के अनुरूप सुधारा जाना चाहिए।
कुछ निदेशकों का कहना था कि हमारे प्रौद्यागिकी संस्थानों के इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम वैश्विक रूप से सर्वश्रेष्ठ हैं, लेकिन अभी भी उनमें सुधार की काफी गुंजाईश है। बैठक में इन संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही को प्रोत्साहित करने के लिए निदेशक मंडल ने प्रति वर्ष इन संस्थानों के निदेशकों के कार्य-निष्पादन की समीक्षा किये जाने पर जोर दिया। इस अवसर पर परिषद की एक नयी वेबसाइट का उद्घाटन भी किया गया। परिषद ने इन संस्थानों में गत वर्ष शुरू की गई परीक्षा प्रणाली को जारी रखने का अनुमोदन कर दिया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि इन संस्थानों के वरिष्ठ प्रबंधकों के लिए एक नेतृत्व विकास कार्यक्रम शीघ्र ही आरंभ किया जाएगा। बैठक में यह विदेशी प्रौद्योगिकी संस्थानों के साथ भारतीय संस्थानों की तुलना और इन संस्थानों के प्रत्यायन की समुचित व्यवस्था पर भी जोर दिया गया।