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Tuesday 17 September 2013 07:55:52 AM
चितौड़गढ़। केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने कल राजस्थान में चितौड़गढ़ दुर्ग में विश्व धरोहर पट्टिका का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने दुर्ग के बारे में हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाशित विवरण पुस्तिकाओं का भी विमोचन किया। चितौड़गढ़ दुर्ग राजस्थान के उन छह पर्वतीय दुर्गों में से एक है, जिसे हाल ही में युनेस्को की विश्व धरोहर समिति ने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है। इस दुर्ग के चुनाव को समिति के जून 2013 में हुए 37वें अधिवेशन में स्वीकृत किया गया था।
इस अवसर पर केंद्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री डॉ गिरिजा व्यास भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थीं। दोनों मंत्रियों ने संयुक्त रूप से दोबारा स्थापित तोपखाने का और कुंभ महल में एक चित्र प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। चंद्रेश कुमारी कटोच ने राजस्थान के छह पर्वतीय दुर्गों को विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए उनके मंत्रालय के प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ये छह दुर्ग अरावली पर्वत श्रृंखला में विभिन्न स्थलों पर स्थित हैं। ये दुर्ग राजपूतों के पर्वतों पर सैन्य वस्तुशिल्प को दर्शाते हैं, जो राजपूतों की शक्ति और सत्ता के अद्वितीय उदाहरण हैं, जो राजसी संस्कृति और कला तथा संगीत को दिए जाने वाले संरक्षण के अलावा व्यापार-कारोबार आदि को दर्शाते हैं। इन दुर्गों के अवशेष आठवीं से उन्नीसवीं शताब्दी के बीच के हैं।
दुर्गो में जाने के लिए कई बड़े द्वार हैं तथा विशाल ऊंची-ऊंची दीवारें, महल, मंदिर, स्मारक और जलाशय हैं। दुर्ग का क्षेत्रफल 20 किलोमीटर के घेरे में पर्वतीय क्षेत्र के छोर तक और विशेष रूप से गागरान की नदी, रणथंभोर के घने जंगल और जैसलमेर के रेगिस्तान तक फैला है। चंद्रेश कुमारी कटोच ने सदियों तक देश की सांस्कृतिक विरासत को बचाकर रखने के लिए राजस्थान के लोगों की सराहना की और कहा कि देशी और विदेशी पर्यटकों की सूची में राजस्थान हमेशा शामिल होता है।