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Wednesday 18 September 2013 08:19:31 AM
नई दिल्ली। देश में शहरी यातायात को सुधारने का बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत राज्यों के लिए बसें जारी करने का दूसरा चरण प्रारंभ किया है। कल नई दिल्ली में शहरी विकास मंत्रालय के तहत गठित केंद्रीय मंजूरी एवं निगरानी समिति (सीएसएमसी) ने अपनी प्रथम बैठक में तीन राज्यों के लिए करीब 2124 बसों को मंजूरी दी। पहले दौर में उन राज्यों के लिए बसों को जारी किया गया, जिन्हें 2009 में बसें नहीं मिलीं थी। मंगलवार को हुई बैठक में कर्नाटक और भटिंडा के लिए क्रमश: 2104 और 20 बसों के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। आसाम (गुवाहाटी के लिए) के बसों के अनुरोध को अधूरे डीपीआर के कारण मंजूरी नहीं दी गई, साथ ही छत्तीससगढ़ के प्रतिनिधि के उपस्थित न होने के कारण नए रायपुर के लिए बसों को मंजूरी नहीं दी जा सकी।
शहरी विकास मंत्रालय के सचिव डॉ सुधीर कृष्णा ने घोषणा की कि इस वर्ष शहरी नवीकरण के लिए जेएनएनयूआरएम के तहत राज्यों को 10,000 बसें आवंटित की जाएंगी। बैठक में सचिव ने कहा कि बसों के वर्तमान आवंटन में कुछ नई विशेषताएं हैं, जैसे-परियोजना को दीर्घकालिक बनाने के लिए बस डिपो, कार्यशालाएं, नियंत्रण केंद्र, आईटीएस प्रणाली आदि। उन्होंने सड़क यातायात क्षेत्र, विशेषकर बसों के संबंध में कर्नाटक राज्य के सड़क परिवहन क्षेत्र में किए गए प्रयासों की सराहना की और अन्य राज्यों से कर्नाटक के उच्च मानकों का अनुसरण करने को कहा।
सचिव ने मैसूर शहर को आईटीएस प्रणाली सहित बस स्टॉप के लिए एलईडी डिस्पले, सीसीटीवी कैमरा, जीपीआरएस आदि विशेषताओं के साथ सुविधापूर्ण बसों का शहर बताया और कहा कि कर्नाटक की योजना, कम ईंधन खपत वाली ओएफ बीएस-4 बसें, जो पर्यावरण के अनुकूल हों, शुरू करने की योजना है। बैंगलोर और मैसूर के लिए हाइब्रिड बस शुरू करने का प्रस्ताव है। कुल 10,000 बसों में से करीब 2000 बसें उत्तर-पूर्वी व पहाड़ी क्षेत्रों के लिए हैं। तमिलनाडु ने 3,000 शहरी बसों के लिए अनुरोध किया, जबकि आंध्र प्रदेश ने 1200 बसों के लिए अनुरोध किया। अन्य विभिन्न शहरों से भी अब मंत्रालय के पास प्रस्ताव आ रहे हैं।