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Friday 20 September 2013 09:37:15 AM
नई दिल्ली। भारत ने अक्षय ऊर्जा के संसाधनों को विकसित करने में क्यूबा की मदद की पेशकश की है। नव और अक्षय ऊर्जा मंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला ने हवाना में क्यूबा गणराज्य के उप राष्ट्रपति मेरिनो मुरिल्लो को यह जानकारी दी। उन्होंने विशेषज्ञों के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ दोनों देशों के बीच सहयोग के अवसर का पता लगाने के लिए क्यूबा की यात्रा पर हैं। उन्होंने क्यूबा के ऊर्जा और खान मंत्री एलफ्रेडो लोपेज वाल्डेस से विस्तृत चर्चा की।
फारूक अब्दुल्ला ने भारत में ऊर्जा की स्थिति और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में वाल्डेस को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत में फिलहाल 29 जीडब्ल्यू से अधिक ग्रिड से जुड़ी स्थापित क्षमता है, जो ऊर्जा के अक्षय संसाधनों का इस्तेमाल कर रही है और वर्ष 2017 तक इसमें 30 जी डब्ल्यू और अधिक जोड़ने की योजना है। उन्होंने भारत के पवन कार्यक्रम के अलावा जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन (जेएनएनएसएम) के माध्यम से सौर ऊर्जा की लागत में आई महत्वपूर्ण कमी के बारे में जानकारी दी।
मेरिनो मुरिल्लो और एलफ्रेडो लोपेज वाल्डेस ने फारूक अब्दुल्ला से अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में परियोजनाओं की सफलता के लिए भारतीय मदद और विशेषज्ञों की मांग की। उन्होंने दोनों देशों के बीच परंपरागत संबंधों का उल्लेख किया और कहा कि भारत ने हमेशा क्यूबा और उसकी जनता का समर्थन किया है। उन्होंने अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना में मदद की पेशकश की। उन्होंने भारत द्वारा दिए गए ऋण का भी उपयोग इन परियोजनाओं के लिए करने का आग्रह किया। इससे पूर्व डॉ अब्दुल्ला को क्यूबा ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सफलताओं, बाल मृत्युदर में कमी और औसत आयु में बढ़ोतरी के बारे में जानकारी दी गई।