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Wednesday 25 September 2013 01:41:43 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रीय एकता परिषद की 16वीं बैठक में सर्वसम्मति से कई प्रस्ताव पारित किए गए हैं, जिनमें सांप्रदायिक सौहार्द को भंग करने के लिए हर प्रकार की हिंसा की निंदा की गई है और इस तरह की हिंसा करने वालों के साथ कानून के तहत तुरंत और सख्ती के साथ निपटा जाएगा। सभी समुदायों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को कायम रखने और मजबूत बनाने तथा सामान्यता सामान्य के साथ सभी नागरिकों को आजादी के साथ जीवन बिताने के योग्य बनाने के लिए सभी उपाय किये जाएंगे। इस बैठक में अधिकांश मुख्यमंत्रियों ने भाग नहीं लिया।
यह भी प्रस्ताव किया गया है कि सरकार और हितधारक कानून के दायरे के अंदर लोगों के बीच मौजूद विवादों और असहमतियों को दूर करने के लिए सभी उपाय करेंगे, साथ ही अपने धर्मनिरपेक्ष और बहुलतावादी सामाज को मजबूत बनाने के लिए संस्थानों का गठन करेंगे। परिषद ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया है कि अनुसूचित जनजातियों एवं जनजातियों पर लगातार होने वाले अत्याचारों की निंदा की जाती है और इस संबंध में विभिन्न कानूनों और विशेष अधिनियमों के तहत अत्याचार करने वालों के खिलाफ ऐसे अपराधों के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इन वर्गों का समावेश सामाज के अन्य वर्गों के साथ समान स्तरों पर किये जाने का अथक प्रयास किया जाता रहेगा।
परिषद ने यह भी प्रस्ताव पास किया है कि मैला ढोने के अमानवीय और असम्मानजनक श्रम के अन्य तरीकों को समाप्त किया जाएगा, इसके साथ ही इन कार्यों में लगे हुए लोगों को वैकल्पिक रोज़गार प्रदान किया जाएगा, ताकि वे सम्मान के साथ जीवन जी सकें। महिलाओं के प्रति हिंसा और यौन उत्पीड़न की निंदा की गई है और ऐसे अपराधियों के विरूद्ध कानून लागू करने वाली एजेंसियों द्वारा कड़ी कार्रवाई किया जाना सुनिश्चित किया है, इसके अलावा, आपराधिक न्याय प्रणाली के तहत ऐसे मामलों की जल्द सुनवाई की जाएगी।
यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि महिलाओं को अपने सामाजिक और आर्थिक विकास के समान अवसर मिलें और वे आजादी का लाभ उठा सकें, उनके रात और दिन किसी भी समय कहीं भी आने-जाने के अधिकार की सुरक्षा की जाएगी।