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खाद्य सुरक्षा की तैयारियों की समीक्षा

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Monday 30 September 2013 09:20:18 AM

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने की तैयारियों की समीक्षा के लिए कल सभी राज्‍यों एवं संघ शासित प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक का उद्घाटन केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार करेंगे और उपभोक्‍ता मामलों, खाद्य एवं जन वितरण मामलों के मंत्री प्रोफेसर केवी थामस इसकी अध्‍यक्षता करेंगे। बैठक में राज्‍यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्‍त एवं कृषि मंत्रालय तथा योजना आयोग के शीर्ष अधिकारी हिस्‍सा लेंगे। संसद में विधेयक पारित होने के बाद राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस कानून को 12 सितंबर 2013 को मंजूरी दी थी। इसे हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्‍थान, उत्‍तरांचल, मिजोरम और दिल्‍ली में लागू कर दिया गया है। इस ऐतिहासिक कानून के पूरे देश में लागू होने के बाद देश की 82 करोड़ जनता को सस्‍ती दरों पर खाद्यान्‍न उपलब्‍ध कराया जाएगा और यह उनका कानूनी अधिकार होगा।
बैठक में लार्भा‍थियों की पहचान के लिए राज्‍यों में अपनाए गए मानकों, नए राशन कार्ड जारी करने, इसी कानून के तहत महिला स‍शक्तिकरण, राज्‍य एवं जिला स्‍तर पर शिकायतों के निवारण के लिए संबद्ध मशीनरी की स्‍थापना, लक्षित जन वितरण प्रणाली को कंप्‍यूटीकृत किया जाना, विभिन्‍न स्‍तरों पर खाद्यान्‍नों के लिए अतिरिक्‍त भंडारण क्षमता विकसित करने तथा नयी उचित दर दुकानें खोले जाने जैसे मुद्दों पर मुख्‍य रूप से विचार विमर्श किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा कानून में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी नहीं है, इसलिए इस कानून को लागू करने में स्‍थायी निकायों की प्रभावी भूमिका सुनिश्चित करने, वितरण प्रणाली के विभिन्‍न स्‍तरों पर नजर रखने के लिए सतर्कता समितियों का पुनर्गठन, जनवितरण प्रणाली के तहत चीनी और केरोसिन के लाभार्थियों की पहचान के नए तरीकों पर विचार किया जाना बैठक के एजेंडे में शामिल है। विभिन्‍न राज्‍यों एवं संघ शासित प्रदेशों में खाद्यान्‍नों को भेजे जाने तथा उनके भंडारण एवं अन्‍य मदों पर आने वाले खर्च तथा उचित दर दुकानों के डीलरों को मार्जिन राशि के भुगतान पर केंद्र, वित्‍तीय सहायता उपलब्‍ध कराएगा।
इस कानून में जवाबदेही और पारदर्शिता के कई प्रावधान हैं और जन वितरण प्रणाली जनता की पहुंच में रहेगी और इसका समय-समय पर ऑडिट कराया जाएगा तथा निगरानी समितियां भी स्‍थापित की जाएंगी। इस कानून के तहत अगर किसी व्‍यक्ति को खाद्यान्‍नों की आपूर्ति नहीं की जाती है, तो उसके लिए खाद्य सुरक्षा भत्‍ते का भी प्रावधान है, अगर कोई सरकारी अधिकारी या संस्‍था जिला शिकायत निवारण अधिकारी की सिफारिशों को लागू करने में नाकाम होता है, तो उस पर राज्‍य खाद्य आयोग जुर्माना लगाएगा।

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