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Tuesday 1 October 2013 09:02:39 AM
नई दिल्ली। डीआईएससीओएमएस (डिस्कॉम्स) को होने वाले घाटे को रोकने के उद्देश्य से ऊर्जा मंत्रालय ने पिछले वर्ष अक्टूबर माह में वित्तीय पुनर्गठन योजना (एफआरपी) की शुरूआत की थी। नई दिल्ली में संवाददाताओं से ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ज्योतिरादित्य सिधिंया ने कहा कि उनका मंत्रालय एफआरपी लाभ के विस्तार के लिए आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड तथा कर्नाटक के लिए विशेष व्यवस्था करने पर विचार कर रहा है, क्योंकि इन राज्यों को एफआरपी के कुछ निर्धारित शर्तों को पूरा करने में व्यावहारिक कठिनाइयां आ रहीं हैं, जिसके चलते ये राज्य इस योजना में शामिल नहीं हो पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं हरियाणा ने पहले ही 95,252 करोड़ रुपए के एफआरपी को अंतिम रूप दे दिया है। यह योजना, योजना आयोग के सदस्य (ऊर्जा) बीके चतुर्वेदी की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समूह के प्रतिवेदन पर तैयार की गई थी। यह योजना राज्यों के स्वामित्व वाले डिस्कॉम्स के वित्तीय और परिचालन प्रणाली सुनिश्चित करने के साथ-साथ केंद्र सरकार से परिवर्ती वित्तीय तंत्र के रूप में सहायता प्रदान करती है। बॉड एवं विशेष प्रतिभूति, परिवर्ती वित्तीय तंत्र के लिए दिशा-निर्देश 2 अप्रैल 2013 को जारी किए गए हैं।