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Tuesday 1 October 2013 09:14:00 AM
नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारतीय नागरिकों से बुज़ुर्गों के हित और उनके नेतृत्व की महत्ता समझने के लिए उनका साथ निभाने का आह्वान किया। वे अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में विज्ञान भवन में एक समारोह में वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार-वयोश्रेष्ठा सम्मान प्रदान करने के अवसर पर बोल रहे थे।
राष्ट्रपति ने इस बात पर ज़ोर दिया कि बुज़ुर्गों के लिए समाज में विकसित किये गये सुरक्षा प्रबंध को किसी भी तरह के नुकसान से बचाना आवश्यक है, बुजुर्ग नागरिकों के प्रति अधिक संवेदनशील रहना हमारा कर्तव्य होना चाहिए, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपना प्रत्येक दिन भरपूर रूप से, एक सेहतमंद, गौरवशाली व उपयोगी जीवन के रूप में जियें, बुज़ुर्ग नागरिकों को समाज की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक गतिविधियों में पूरे उत्साह से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को भारत में बुज़ुर्गों और बुढ़ापे की ओर बढ़ रहे लोगों से संबंधित मामलों को मुख्य धारा में लाना चाहिए, उनकी ज़रूरतों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि हमें अपने बुज़ुर्गों के आत्म विश्वास को मज़बूत बनाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय को पहली बार वयोश्रेष्ठा सम्मान शुरू करने पर बधाई दी है। राष्ट्रपति ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस नये कदमों की शुरुआत के लिए एक अवसर है, उनहोंने कहा कि बुज़ुर्ग स्वयं संगठित होकर ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं, जिनमें वह चाहते हैं कि सरकार और समाज सुधार लाएं। इस मौके पर सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री कुमारी सैलजा, सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री पोरिका बलराम नाईक और सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री माणिकराव होदल्या गावित उपस्थित थे।