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Wednesday 9 October 2013 10:02:04 AM
नई दिल्ली। भारत सरकार ने प्लास्टिक प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए “प्लास्टिक पार्क” की स्थापना का समर्थन करने का प्रस्ताव रखा है। इस योजना को रसायन और पैट्रो रसायन विभाग अपने विशेष प्रायोजन वाहन (एसपीवी) से कार्यान्वित करेगा, जो उद्योगों के बुनियादी ढांचे में सुधार का कार्य करेगी। राज्य सरकारें और एजेंसियां जो एसपीवी गठित करेंगी उनके लिए इक्विटी में भागीदारी करना अनिवार्य होगा। एसपीवी और उसके सदस्यों को शेयर समझौतों को निष्पादित करना होगा। इसके सदस्यों को भूमि लागत सहित कुल हिस्सों में से कम से कम 20 प्रतिशत लागत देनी होगी।
भारत सरकार परियोजना लागत की 50 प्रतिशत की निश्चित अनुदान राशि प्रदान करेगी, यह एसपीवी के प्रस्तावित 40 करोड़ से अधिक नहीं होनी चाहिए। एसपीवी में शेष अंशदान राज्य सरकार, उसकी एजेंसियां, लाभार्थी उद्योग और वित्तीय संस्थानों के ऋण से किया जाएगा। पैट्रो और रसायन विभाग, योजना संचालन समिति (एसएससी) द्वारा प्रत्येक निर्धारित लक्ष्य की समय पर पहचान कर और परियोजना के अनुमोदन का फैसला आने के बाद धनराशि जारी की जाएगी। प्रस्ताव राज्य सरकारों द्वारा बनाये जा रहे हैं।
योजना का लक्ष्य निर्यात के क्षेत्र में अतिरिक्त निवेश कर क्षमता को बढ़ाना है। सामूहिक विकास दृष्टिकोण को अपनाने, अपशिष्ट प्रबंधन के नये तरीकों के माध्यम से और पर्यावरण की दृष्टि से एक टिकाऊ विकास का लक्ष्य हासिल करना है। वर्तमान में प्लास्टिक के वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है। देश में प्लास्टिक के बहुत बड़े उद्योग तो हैं, लेकिन छोटे और मध्यम इकाइयों के प्रभुत्व के कारण ये इकाइयां ज्यादा कारगर नहीं हैं।