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Saturday 12 October 2013 10:35:47 AM
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने तीनों सेनाओं-थलसेना, वायुसेना और जलसेना को संभावित चक्रवात-‘फेलिन’ के मद्देनजर पूरी तरह से तैयार रहने का निर्देश दिया है। इस चक्रवात के शनिवार शाम तक ओडिशा और आंध्र-प्रदेश के तट पर पहुंचने की आशंका है। रक्षा मंत्रालय को ओडिशा और आंध्रप्रदेश की सरकारों से चक्रवात के खतरे से निपटने में वायु सेना की सहायता के साथ-साथ राहत और बचाव कार्य में सहायता करने का अनुरोध-पत्र मिला था। एंटनी ने आज सुबह इस बारे में रक्षा सचिव आरके माथुर से विचार-विमर्श किया।
वायुसेना के दो आईएल-76, राष्ट्रीय आपदा राहत बल के दलों और साजो-सामान के साथ आज सुबह भुवनेश्वर भेजे गए। वायुसेना के अन्य साजो-सामान को रायपुर, नागपुर, जगदलपुर, बैरकपुर, रांची और ग्वालियर सहित विभिन्न वायुसेना के अड्डों पर आवश्यकता पड़ने पर तैयार रखा गया है। वायुसेना ने आपात स्थिति में शीघ्र कार्रवाई के लिए एमआई-17वी5 और दो एएन-32, 18 हेलिकॉप्टरों सहित दो सीआई-30जे सुपर हरक्यूलिस एयर क्राफ्ट तैनात किए हैं। वायुसेना ने बैरकपुर स्थित अपनी पूर्वी वायु कमान को राज्य प्रशासन को राहत कार्य में पूरी सहायता देने के लिए तैयार रखा है।
विशाखापत्तनम स्थित पूर्वी नौसेना कमान ने आवश्यकता पड़ने पर राहत कार्य में सहायता के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर भारतीय नौसेना के गोताखोरों को तैयार रखा है। इनके अलावा नौसेना ने कुछ चेतक और यूएच-3एच हेलिकॉप्टरों को जरूरत होने पर राहत और बचाव अभियान शुरू करने के लिए तैनात रखा है। नौसेना ने आवश्यकता पड़ने पर त्वरित कार्रवाई के लिए आपदा राहत जहाजों को भी तैयार रखा है। सेना ने अपनी कमान और नियंत्रण इकाई को जीओसी मध्य भारत क्षेत्र के अंतर्गत भुवनेश्वर भेजा है। बागडोगरा से एक इंजीनियर टुकड़ी और गोपालपुर से एक चिकित्सा टुकड़ी को भुवनेश्वर के लिए रवाना किया है। बैरकपुर स्थित इंफ्रेंटरी टुकड़ी को एहतियाती तौर पर तैयार रखा गया है।
रक्षा मंत्रालय के निर्देशों के मद्देनजर, तटरक्षक मुख्यालय ने आंध-प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम-बंगाल की राज्य सरकारों को मछुआरों, जहाजों और स्थानीय लोगों को एहतियाती उपाय करने के लिए एडवाइजरी जारी करने को कहा है। तीनों राज्यों में तटरक्षक इकाइयों को हाई-अलर्ट पर रखा गया है, जिससे कि वे समुद्र और तटीय क्षेत्रों में खोज और राहत कार्यों में सहायता दे सकें। चक्रवात के दौरान और उसके बाद की परिस्थितियों से निपटने में सहायता के लिए तटरक्षक अन्य बलों और नागरिक प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है। पूर्वी समुद्र तटीय क्षेत्र के सभी तटरक्षक जहाजों और विमानों को राज्य प्रशासन की तुरंत सहायता के लिए तैयार रखा गया है।