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इंडोनेशिया से बढ़ेगा सुरक्षा सहयोग

भारत, इंडोनेशिया विश्वविद्यालयों में अध्ययन पीठ

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Saturday 12 October 2013 10:49:16 AM

manmohan singh and susilo bambang yudhoyono

जकार्ता। भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी इंडोनेशिया यात्रा के दौरान मीडिया से कहा है कि भारत की पूर्व की ओर देखने की नीति में इंडोनेशिया, भारत का अत्यंत मूल्यवान सहयोगी है, क्षमता में हमारे द्विपक्षीय संबंध समृद्ध हैं और इसमें तेजी से वृद्धि हो रही है, दो बड़े लोकतंत्र और उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में द्विपक्षीय क्षेत्रीय तथा वैश्विक मंचों पर हमारे परस्पर हित और दायित्व हैं, समुद्री सुरक्षा के मामले में भी हमारे हित साझा हैं और मैं अपनी इस यात्रा को राष्ट्रपति यूधोयोनो की 2005 और 2011 की भारत यात्रा में शुरू की गई तेजी को अवसर के रूप में देखता हूं।
मनमोहन सिंह ने कहा कि हमने अपने राजनीतिक आदान-प्रदान में तेजी लाने की प्रक्रिया को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की है, इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सार्थक और परस्पर लाभकारी सुरक्षा सहयोग के लिए व्यापक कार्य योजना बनाएं, हमने आतंकवाद, संगठित अपराध, मादक द्रव्य तथा मानव तस्करी की समस्या से निपटने में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने का फिर से निश्चय किया है, प्रत्यार्पण संधि और परस्पर कानूनी सहायता संधि की इंडोनेशिया से शीघ्र पुष्टि करने का अनुरोध किया गया है, आज हस्ताक्षरित आपदा प्रंबंध तथा मादक पदार्थों की आवाजाही रोकने संबंधी आशय पत्र से हमारे बढ़े सुरक्षा सहयोग को अधिक बल मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सात वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार में हुई चौगुनी वृद्धि से हमारे आर्थिक संबंधों की अपार संभावना दिखती है। मैंने महामहिम राष्ट्रपति से द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता पूरा करने के अलावा जोर देकर कहा कि व्यापार में वृद्धि और निवेश प्रोत्साहन से हमारे आर्थिक संबंधों को व्यापकता मिलेगी। हम इस बात पर सहमत हुए कि सुधार संपर्क, सेवा तथा निवेश में भारत-आसियान मुक्त व्यापार समझौता के शीघ्र लागू होने तथा क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी इस दिशा में महत्वपूर्ण होंगे। उन्‍होंने कहा कि हमने मूल्यवान अंतरिक्ष सहयोग पर भी ध्यान दिया है और हम आशा करते हैं कि भविष्य में इस दिशा में हमारे संबंध और प्रगाढ़ होंगे। उन्‍होंने कहा कि मैंने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को जकार्ता तथा बांदा अक में स्थापित केंद्रों के सफल अनुभव के बाद पापूआ में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने में उनकी सरकार को सहायता देने के बारे में अपनी पेशकश से अवगत कराया है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि हमने एक दूसरे के विश्वविद्यालयों में भारतीय तथा इंडोनेशियाई अध्ययन पीठ स्थापित करने का भी फैसला किया है तथा छात्रवृत्ति कार्याक्रमों, शैक्षणिक संस्थानों में संपर्क सुलभ कराने तथा प्रशिक्षण अनुसंधान में साझेदारी को प्रोत्साहित करने का भी फैसला किया गया है। उन्‍होंने कहा कि मैंने राष्ट्रपति यूधोयोनो को आसियान के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी विकसित करने में मजबूत समर्थन की सराहना से भी अवगत कराया, हम आसियान में इंडोनेशिया के नेतृत्व तथा व्यापक क्षेत्रीय सहयोग तथा समन्वय में तेजी लाने के एशोसियेशन के प्रयासों को महत्व देते हैं। उन्‍होंने याद दिलाया कि ब्रुनेई में भारत-आसियान शिखर बैठक में खाद्य सुरक्षा तथा भारत और आसियान के बीच आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रपति ने मूल्यवान सुझाव दिए और इस संबंध में ठोस प्रस्ताव की दिशा में काम करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
उन्‍होंने कहा कि अपनी बातचीत में हमने दोनों देशों तथा क्षेत्र के लिए रणनीतिक साझेदारी की महत्ता को माना है, हमारे संबंधों में हुई प्रगति पर हमने संतोष व्यक्त किया है और भविष्य के लिए महत्वाकांक्षी रास्ते तय करने की आवश्यकता समझी है, हमने राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और जनता के स्तर पर तथा अंतर्राष्ट्रीय मसलों पर संबंध प्रगाढ़ बनाने पर सहमति व्यक्त की है। 

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