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Wednesday 16 October 2013 08:04:37 AM
कांडला-गुजरात। केंद्रीय खान मंत्री दींशा पटेल ने गहरे समुद्र में अन्वेषण करने वाले जहाज आरवी समुद्र रत्नाकर को गुजरात के कांडला बदंरगाह पर राष्ट्र को समर्पित किया। पटेल ने भारत भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) को बधाई देते हुए कहा कि अनुसंधान करने वाला आरवी समुद्र रत्नाकर जहाज अत्याधुनिक जहाज है, जो आधुनिक भू-वैज्ञानिक समुद्र विज्ञान अनुसंधान की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगा।
यह जहाज भू-गर्भीय, भू-भौतिकीय तथा अपतटीय क्षेत्रों में भू-रासायनिक अन्वेषण के लिए अत्याधुनिक उपकरणों तथा टैक्नोलॉजी से लैस है। जहाज समुद्री सतह का नक्शा लेने तथा गहरे समुद्र से खनिज निकालने और अन्वेषण गतिविधियों के लिए तैयार किया गया है। इसे दक्षिण कोरिया के उलसान की हुंडई हैवी इंडस्ट्रीज कंपनी ने बनाया है। इस जहाज को बनाने का समझौता भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण और हुंडई हैवी इंडस्ट्रीज के बीच 4 मार्च 2011 को हुआ था और रिकार्ड समय में यह जहाज बनकर तैयार हो गया।
जहाज 8 अक्टूबर 2013 को कांडला बंदरगाह पहुंचा। यह जहाज 103.4 मीटरी लंबा, 19.2 मीटर चौड़ा और इसका ड्रॉफ्ट 6 मीटर का है। यह जहाज 45 दिन तक समुद्र में चल सकता है। आरवी समुद्र रत्नाकर भविष्य में उपयोग होने वाली हाइड्रोकार्बन ऊर्जा शोध का अन्वेषण कर सकेगा। इस मौके पर खनन सचिव आर एच ख्वाजा, जीएसआई के महानिदेशक ए सुंदर मूर्ति, खान मंत्रालय में अपर सचिव आर श्रीधरन, संयुक्त सचिव डीएस मिश्रा तथा कांडला बंदरगाह के अध्यक्ष पीडी बघेला भी मौजूद थे।