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हंगरी और भारत गहरे दोस्‍त

मनमोहन का विक्‍टर ओर्बन को शानदार रात्रिभोज

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 18 October 2013 07:55:25 AM

viktor orban and manmohan singh

नई दिल्‍ली। हंगरी के प्रधानमंत्री ओर्बन की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान आयोजित रात्रि भोज पर उनका और उनके शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दोनों देशों के महान संबंधों की चर्चा की। ओर्बन को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि आप त्यौहारों के मौसम में भारत पधारे हैं, इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि इससे हमारे बीच आपकी उपस्थिति हमारी खुशी को और भी बढ़ा रही है, हम भारत में आपका प्रवास अधिक सुखद, लाभकारी और आनंददायक रहने की कामना करते हैं।
मनमोहन सिंह ने उनकी प्रशंसा में कहा कि आपने कठिनाइयों के दौर में देश के शासन की बागडोर संभालने के बावजूद, हंगरी को संकट से बाहर लाने और फिर से विकास के पथ पर अग्रसर करने में महान कौशल और संकल्पबद्धता का परिचय दिया है, ऐसा करते समय आपने वह आदर्श प्रस्तुत किया है, जिसके लिए हंगरी जाना जाता है। उन्‍होंने कहा कि पिछली करीब आधी सदी से भी अधिक समय से भारत के लोगों ने हंगरी के लोगों की संकल्पशक्ति को देखा है, इनमें सबसे नवीनतम अवसर 1988-89 के ऐतिहासिक वर्षों में उस समय दिखाई दिया, जब हंगरी में लोग लोकतंत्र बहाल करने और यूरोप में विभाजन का युग समाप्त करने में कामयाब हुए, हमने उसके बाद से हंगरी के तेजी से रूपांतरण की प्रसन्नतापूर्वक सराहना की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अपनी पहली यात्रा और ‘पूर्वी देशों के साथ वार्तालाप’ की आपकी व्यापक नीति ने यह सिद्ध कर दिया है कि हमारे एकीकृत विश्व में अवसर आकार या दूरी से निर्धारित नहीं होते, बल्कि रचनात्मकता और नई सोच से निर्धारित होते हैं। उन्‍होंने कहा कि आपकी यात्रा सांस्कृतिक संबंधों और हमारे लोगों के बीच परस्पर जुड़ाव की विशिष्ट परंपरा पर आधारित है, भारतविद्या से संबद्ध हंगरी के विद्वानों ने भारतीय परंपराओं, संस्कृति और विरासत के बारे में यूरोप की समृद्ध विद्वत्ता में बहुमूल्य योगदान किया है, हंगरी के एक विश्वविद्यालय में 1873 में संस्कृत शुरू की गई थी, गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर ने हंगरी के अनेक विद्वानों को शांति निकेतन में आमंत्रित किया था, गुरुदेव स्वयं बाल्टन झील के जल के सौंदर्य से मंत्रमुग्ध हो गए थे और इस वर्ष हम संयुक्त रूप से जानीमानी चित्रकार अमृता शेरगिल की जन्मशती मना रहे हैं, जो भारत और हंगरी की बेटी थीं।
उन्‍होंने कहा कि हमारे लोगों के बीच स्नेह और सद्भावना की ये परंपराएं, हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्य और हमारे बीच आर्थिक साझेदारी की व्यापक संभावनाएं, ये सब बातें हमारी भागीदारी के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती हैं, यूरोप और विश्व में कोलाहल और परिवर्तन के दौर में भी हमारे संबंध स्थिरता के साथ आगे बढ़ते रहे। उन्‍होंने कहा कि हंगरी में भारतीय कंपनियों की उपस्थिति बढ़ रही है, जो हमारे संबंधों की संकल्पबद्धता का संकेत है, अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हंगरी से जो समर्थन भारत को मिला है, हम उसे महत्वपूर्ण मानते हैं, इन सब बातों के आधार पर मेरा यह विश्वास है कि हंगरी और भारत एक दूसरे के यहां महान अवसर प्राप्त कर सकते हैं और यूरोप और एशिया में एक दूसरे के लिए सेतु बन सकते हैं।

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