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Saturday 19 October 2013 09:26:29 AM
नई दिल्ली। भारत सरकार का महिला और बाल विकास मंत्रालय एशिया और प्रशांत क्षेत्र में बच्चों के अधिकारों के बारे में विकासशील देशों के बीच सहयोग के लिए उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन करेगा। मंत्रालय एशिया और प्रशांत क्षेत्र में विकासशील देशों के बीच बच्चों के अधिकारों के क्षेत्र में सहयोग के बारे में दूसरी उच्च स्तरीय बैठक की मेजबानी करेगा। यह बैठक 23 से 25 अक्टूबर के बीच नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। इस बारे में पिछली बैठक 2010 में चीन के पेइचिंग शहर में हुई थी।
तीन दिन की बैठक का उद्घाटन महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा तीरथ करेंगी। एशिया प्रशांत क्षेत्र के 33 देशों से 150 उच्च स्तरीय प्रतिनिधि बैठक में हिस्सा लेंगे। इनमें क्षेत्रीय संगठनों और यूनिसेफ के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इन शिष्टमंडलों में अनेक मंत्री स्तरीय शिष्टमंडल हैं। बैठक में विचार किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे इस प्रकार हैं-बच्चों के अधिकारों को प्रोत्साहित करने के बारे में एशिया प्रशांत क्षेत्र के विकासशील देशों के बीच सहयोग की प्रगति का मूल्यांकन (पेइचिंग घोषणा की अनुवर्ती कार्रवाई)।
निजी-सार्वजनिक संगठनों सहित सरकारों और अन्य राष्ट्रीय भागीदारों तथा बच्चों से संबंधित स्थानीय निकायों को सहायता पहुंचाना, ताकि विषय परक मुद्दों के बारे में विकासशील देशों के बीच सहयोग गतिविधियों में बच्चों के अधिकारों को प्रोत्साहन देने का मुद्दा शामिल किया जा सके और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए नेटवर्क विकास, समान शिक्षण और विकासशील देशों के बीच एशिया और प्रशांत क्षेत्र में बाल अधिकारों के बारे में सहयोग गतिविधियों में समन्वय करना। दूसरी उच्च स्तरीय बैठक के लिए तीन विषयों की पहचान की गयी है।
एक-किशोरा अवस्था है, जिसमें भावी अवसरों के लिए मौजूदा अधिकार। प्रारंभिक बचपन विकास के साथ बच्चों के अधिकार प्रदान करना। सभी बाल अधिकार हासिल करने के लिए एक अवसर के रूप में शहरी संस्थापनाएं। उम्मीद है कि बैठक में दिल्ली घोषणा मंजूर की जाएगी, जिसमें बच्चों के अधिकारों के क्षेत्र में भावी सहयोग की रूपरेखा शामिल होगी। एशिया और प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच बच्चों के अधिकारों के बारे में मंत्री स्तरीय सहयोग की स्थापना 2010 में की गयी थी।