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Thursday 24 October 2013 08:57:58 AM
लखनऊ। लखनऊ के पूर्व रणजी क्रिकेटर मोहसिन रज़ा ने नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। लखनऊ में भाजपा के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने उनके महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया है कि मोहसिन रज़ा ने उत्तर प्रदेश रणजी ट्राफी के सदस्य के रूप में टीम का प्रतिनिधित्व किया है, वे एक बेहतरीन क्रिकेटर रहे हैं और आजकल क्रिकेट कोच और टीवी चैनलों पर क्रिकेट समीक्षक हैं। मोहसिन रज़ा के साथ कुछ अन्य लोगों ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है जो हैं-रमीज, हैदर रज़ा, मोहम्म्द अली, अहमद रज़ा (इंजीनियर), उरूज हैदर, काज़िम अली, मोहम्मद रज़ा, हुसैन रज़ा, कैसर रज़ा, कैसर हुसैन और मेराज़ हुसैन।
मोहसिन रज़ा के भाजपा में शामिल होने के साथ-साथ यह जानना भी जरूरी है कि उनके सगे भाई अर्शी रज़ा कांग्रेस में हैं और उत्तर प्रदेश कांग्रेस में खेल प्रकोष्ठ में मुख्य पदाधिकारी हैं। वे उत्तर प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और लखनऊ कैंट से विधायक रीता बहुगुणा जोशी के काफी निकट भी माने जाते हैं। लखनऊ के चौक स्टेडियम में वे और उनके भाई अर्शी रज़ा एक क्रिकेट अकादमी भी चलाते हैं, ये अलग बात है कि उनकी क्रिकेट अकादमी से आज तक कोई ‘क्रिकेटर’ नहीं निकल पाया। बहरहाल अभी यह कहना मुश्किल होगा कि मोहसिन रज़ा भाजपा के लिए कितने उपयोगी होंगे, क्योंकि वे अनुशासनहीनता के लिए ज्यादा विख्यात हैं। अपनी ऐसी ही गतिविधियों के कारण वे सदा से ही विवादास्पद व्यक्तित्व माने जाते हैं। वो खुले स्वभाव के और हमेशा विभिन्न कारणों से समाज और अपने मित्रों के बीच चर्चा में रहते हैं, उनका सबसे मिलनसार संबंध है।
हालांकि भाजपा सभी वर्गों को अपने से जोड़ रही है, उसे मुसलमानों में अपनी छवि बनाने और उनसे जुड़ने की भी जरूरत है, मगर देखना होगा कि मोहसिन रज़ा उसके लिए कितने उपयोगी साबित होंगे, यह भी देखना होगा कि वे कितने समय भाजपा के साथ चल पाएंगे क्योंकि मुसलमानों में ही अनेक लोगों को मोहसिन रज़ा और उनकी टीम पर संशय है, उनका कहना है कि जब वे क्रिकेट में ही कभी अनुशासित खिलाड़ी नहीं रहे तो राजनीति में कैसे चल पाएंगे, जहां अनुशासन, निष्ठा, ज़ुबान और धैर्य पहली शर्त है और इन चारों का मोहसिन रज़ा में भारी अभाव माना जाता है। कहने वाले कहते हैं कि मोहसिन रज़ा क्रिकेट के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी थे, मगर वे अपनी विवादास्पद शैली के कारण पीछे रह गए। उन्हें जानने वालों की उनकी इस नई पारी पर बड़ी नज़र होगी। बहुत से लोगों में उनके भाजपा में जाने पर चुटकी भरी मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं, जिनमें यह प्रतिक्रिया भी है कि मुसलमानों में भाजपा के लिए सकारात्मक परिवर्तन देखा जा रहा है।