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Monday 28 October 2013 11:44:12 AM
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने उच्चतम न्यायालय के मतदाताओं के किसी भी उम्मीदवार को मत नहीं देने के (नोटा) अधिकार को लेकर 27 सितंबर 2013 के निर्णय पर जन-प्रतिनिधित्व कानून की कुछ धाराओं का हवाला देते हुए स्पष्ट किया है कि यदि किसी निर्वाचन क्षेत्र में 'नोटा' (नन ऑफ दि एबाव) के अधिकार का उपयोग करने वाले मतदाताओं की संख्या किसी भी उम्मीदवार को प्राप्त मतों की संख्या से अधिक रहती है, तो भी अधिकतम मत प्राप्त करने वाला उम्मीदवार विजयी घोषित किया जाएगा।
चुनाव आयोग ने कहा कि यदि कहीं जितने स्थानों के लिए चुनाव होना है, उतने ही उम्मीदवार मैदान में पाए जाते हैं, तो पीठासीन अधिकारी को वे सभी उम्मीदवार निर्वाचित घोषित करने होंगे। इसी तरह यदि किसी लोक सभा अथवा विधान सभा की किसी सीट के लिए केवल एक ही उम्मीदवार मैदान में पाया जाता है तो पीठासीन अधिकारी के पास उस उम्मीदवार को विजयी घोषित करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा। इन दोनों ही परिस्थितियों में 'नोटा' का प्रावधान लागू नहीं होगा।