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Monday 28 October 2013 11:47:06 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में द्वितीय भारत जल फोरम-2013 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश की कृषि के लिए जल की व्यापक मांग है, इस दृष्टि से जल संसाधनों की समग्र उपलब्धता के लिए इस क्षेत्र में जल प्रबंधन महत्वपूर्ण है। कृषि भूमियों में जल उपयोग की मात्रा को कम करते हुए, उसके पुनर्चक्रण और पुनर्रउपयोग जैसी 3 आर रणनीति को लागू किया जाना आवश्यक है। राष्ट्रपति ने कहा कि देश की सिंचाई व्यवस्था में जल के समुचित उपयोग को प्रोत्साहित करते हुए दूषित जल के पुनर्चक्रण और पुनर्रउपयोग को दोगुना किया जाना चाहिए। इस अवसर पर केन्द्रीय जल संसधान मंत्री हरीश रावत, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशि थरूर और ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (टेरी) के महानिदेशक डॉ आरके पचौरी भी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना जैसे कार्यक्रमों में वर्षा जल संरक्षण को प्रोत्साहन देना चाहिए। राष्ट्रपति ने ऊर्जा एवं संसाधान संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि इस संस्थान ने समेकित जल संसाधन प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन तथा घरेलू और औद्योगिक जल प्रबंधन के क्षेत्र में बढ़िया काम किया है। उन्होंने इस समारोह के आयोजन में संस्थान की भूमिका की भी सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि मध्यम तबके की बाजार तकनीकों के विकास के माध्यम से गरीबों तक वहनीय जल प्रबंधन उपकरणों के माध्यम से सुरक्षित पेय जल पहुंचना चाहिए। द्वितीय भारत जल फोरम का आयोजन ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान ने शहरी विकास मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय तथा विश्व बैंक जल एवं स्वच्छता कार्यक्रम की मदद से किया है।