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Wednesday 6 November 2013 08:31:48 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय ग्राणीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने आज यहां प्रधानमंत्री के ग्रामीण विकास से जुड़े फैलोज से संबंधित परिचय-पुस्तिका जारी की और फैलोज के दूसरे बैच के चयन की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की। परिचय-पुस्तिका में देश के नौ राज्यों के 83 जिलों में कार्य करने वाले 138 फैलोज के अनुभवों का ब्यौरा है। दूसरे बैच के 140 फैलोज का चयन आगामी 15 दिसंबर को आन लाइन होने वाले अखिल भारतीय क्षमता आकलन परीक्षण (एआईसीएटी) के आधार पर होगा।
इस अवसर पर जयराम रमेश ने कहा कि अल्पविकसित क्षेत्रों का विकास और समाज में गरीबों को यथोचित स्थान दिलाने में मदद करना देश के सामने एक बड़ी चुनौती है। इस कार्य के लिए उच्च स्तर की व्यवसायिकता और वंचितों के प्रति गहरी संवेदनशीलता की आवश्यकता होती है। विभिन्न जिलों में गरीबों के साथ ऐसे व्यावसायिक मानवीय संसाधनों की बहुत कमी है। प्रधानमंत्री का ग्रामीण विकास के लिए फैलोज का चयन किया जाना इस चुनौती से निपटने का एक प्रयास है।
जयराम रमेश ने बताया कि यह फैलोशिप युवा पुरूषों और महिलाओं को दो वर्ष तक पिछड़े और दूरदराज के जिलों में जिला कलैक्टरों के साथ मिलकर ग्रामीण विकास के लिए काम करने का अवसर प्रदान करती है। इसके जरिए प्राप्त अनुभव से वे अपने जीवन के लक्ष्यों को निर्धारित करने के लिए भी स्वयं-प्रेरित होते हैं। यह कार्य 2 लक्ष्य हासिल करता है। प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास फैलोज 2011 में शुरू की गई थी और फैलोज के पहले बैच में जून 2012 में अपना कार्य शुरू किया था। फैलोज का चयन टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टीआईएसस) एक उच्च प्रतियोगितात्मक प्रक्रिया के आधार पर करता है।