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Wednesday 6 November 2013 08:35:39 AM
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने डीआरडीओ को उच्च श्रेणी के अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है। उन्होंने अपनी सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के लिए कहा और कहा कि डीआरडीओ को मुख्य रूप से उच्च श्रेणी के अनुसंधान और सामरिक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। एंटनी अपने मंत्रालय से संबद्ध सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डीआरडीओ को मूल अनुसंधान में अधिक समय और संसाधन का प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ उसको सैन्य बलों के लिए प्रमुख मिशन मोड कार्यक्रमों पर अधिक जोर, अपने संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल और शैक्षिक एवं अन्य अनुसंधान और विकास संस्थाओं में उपलब्ध प्रतिभा का सर्वोत्तम प्रयोग करना चाहिए।
एंटनी ने डीआरडीओ से हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) के लिए प्रारंभिक संचालनात्मक मंजूरी और अंतिम संचालनात्मक मंजूरी निर्धारित समय पर सुनिश्चित करने के लिए कहा। डीआरडीओ की कई उपलब्धियों की सराहना करते हुए एंटनी ने कहा कि संगठन ने हमारी राष्ट्रीय रक्षा जरूरतों और निवारण क्षमताओं को तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है। इसने कई नवीनतम तकनीकों का विकास करने के साथ सामरिक रक्षा प्रणालियों का विकास भी किया है। रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार अविकाश चंद्र ने कहा कि रामाराव कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर डीआरडीओ में अधिक कुशलता और जिम्मेदारी तय करने के लिए दो सितंबर 2013 से आवश्यक बदलाव किए गए हैं।
बैठक में सभी संसद सदस्यों ने डीआरडीओ की सफलता विशेष तौर पर मिसाइल प्रणाली के क्षेत्र में उसकी भूमिका की सराहना की। हालांकि उन्होंने मुख्य युद्ध टैंक (एमबीटी), एलसीए और कावेरी इंजन के विकास में हो रही देरी की आलोचना भी की। संसद सदस्यों का कहना था कि डीआरडीओ को भविष्य की रक्षा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अपनी योजनाएं बनानी चाहिएं और इन्हें समय पर पूरा करना चाहिए। बैठक में रक्षा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह, रक्षा सचिव आरके माथुर, सचिव रक्षा उत्पादन जीसी पति और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।