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Thursday 7 November 2013 08:10:12 AM
नई दिल्ली। भारत का राष्ट्रीय पहचान प्राधिकरण विधेयक 2013 संसद के शीतकालीन सत्र में पेश होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी है। भारत का राष्ट्रीय पहचान प्राधिकरण विधेयक 2010 तीन दिसंबर को राज्यसभा में पेश किया गया था। लोकसभा के अध्यक्ष ने राज्यसभा के सभापति की सलाह से विधेयक को वित्त मंत्रालय की स्थायी समिति को भेज दिया। स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट लोकसभा को दी और 13 दिसंबर 2011 को राज्यसभा के पटल पर रखा।
इस बीच यूआईडीएआई जनवरी 2009 को सरकार के कार्यपालक आदेश के तहत यूआईडीएआई को योजना आयोग से संबद्ध कार्यालय का रुप दिया गया। प्रस्तावित विधेयक से राष्ट्रीय पहचान प्राधिकरण को संवैधानिक दर्जा दिया जाएगा और इसके अधिकार व शक्तियां तय की जाएंगी। अब तक 47 करोड़ 85 लाख आधार कार्ड जारी किये गये हैं और लक्ष्य पूरा करने के लिए नामांकन प्रक्रिया चलाई जा रही है। आधार कार्ड के लिए नामांकन निर्धारित स्थानों पर किए जाते हैं और इसके लिए apointments.uidai.gov.in पर समय मांगा जा सकता है।
वास्तविक रुप से आधार कार्ड बनवाने के लिए निवासी का शारीरिक रुप से उपस्थित होना आवश्यक है। यह स्पष्ट किया जाता है कि कुछ एजेंसियां गलत तरीके से आधार कार्ड के लिए ऑन लाइन पंजीकरण कराने के वास्ते ई-मेल भेज रही हैं। यूआईडीएआई ऑन लाइन नामांकन का प्रस्ताव फिलहाल नहीं दे रहा है। आधार कार्ड का उद्देश्य बुनियादी पहचान और कल्याण तथा समावेशी विकास योजनाओं में पहचान का आधार है।