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Thursday 7 November 2013 08:30:24 AM
टोक्यो। भारत और जापान ने नौवहन क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। इस संबंध में जापान के भूमि, संरचना, यातायात और पर्यटन मंत्री अकीहीरो ओहता के निमंत्रण पर नौवहन मंत्री जीके वासन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल जापान के दौरे पर आया है। प्रतिनिधिमंडल 12 नवंबर तक जापान के दौरे पर रहेगा। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में नौवहन सचिव विश्वपति त्रिवेदी, एन्नोर पोर्ट लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एमए भास्कराचार्य और नौवहन मंत्रालय के अन्य अधिकारी शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल जापान में राजनीतिक नेताओं, सरकारी अधिकारियों और व्यापार प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के अलावा योकोहामा बंदरगाह और नागोया बंदरगाह का दौरा भी करेगा।
प्रतिनिधिमंडल जापानी सरकार के साथ दोनों देशों के बीच बेहतर सहयोग करने पर चर्चा करेगा, ताकि विभिन्न जापानी कंपनियां एन्नोर और चेन्नई बंदरगाहों सहित भारत के अन्य बंदरगाहों पर उपलब्ध सुविधाओं का बेहतर इस्तेमाल कर सकें। उल्लेखनीय है कि टोयटा, मित्सुबुशी, इसुजू, निसान और तोशीबा जैसी जापान की ऑटोमोबाइल कंपनियां ऑटोमोबाइल के पुर्जे निर्यात करने के लिए चेन्नई बंदरगाह का इस्तेमाल करती रही हैं।
पिछले दशक में जापान की लगभग 240 कंपनियों ने चेन्नई के इर्द-गिर्द अपनी व्यापारिक गतिविधियों का विकास किया है। इसके अलावा निसान मोटर्स इंडिया और टोयटा एन्नोर बंदरगाह के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए रुचि ले रही हैं। एन्नोर बंदरगाह से मेसर्स निसान मोटर्स ने लगभग 3 लाख कारों और टोएटा ने अब तक 42 हजार कारों का निर्यात किया है।