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Thursday 7 November 2013 08:47:01 AM
नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए नया शताब्दी पुरस्कार गठित किया है। चवालीसवें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव में नोबेल पुरस्कार विजेताओं पर दो फिल्में भी दिखाई गईं। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनीष तिवारी ने भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष समारोह के सिलसिले में उठाए गए कदमों की श्रृंखला में यह नया शताब्दी पुरस्कार गठित करने की घोषणा की। पुरस्कार प्रत्येक वर्ष भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए चयनित व्यक्ति को दिया जायेगा। यह पुरस्कार शताब्दी समारोह मनाने के सिलसिले में सरकार का दूसरा पुरस्कार है।
सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने फिल्म उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं, सिनेमाटोग्राफी कानून के प्रावधानों की समीक्षा के लिए मुदगल समिति बनाई गई है, समिति की सिफारिशों पर विचार किया जा रहा है और मंत्रालय की वेबसाइट पर समिति की रिपोर्ट डाले जाने के साथ ही लोगों की राय मांगी गई है। मनीष तिवारी ने कहा कि 44वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव कई अर्थों में अलग होगा, पहली बार समारोह में दो अंतर्राष्ट्रीय फिल्मी शख्सियतें-सूशन सरिंडन तथा ईरानी फिल्म निर्माता माजिद माजिदी एक मंच पर होंगे।
समारोह में दो नोबेल पुरस्कार विजेताओं नेल्सन मंडेला तथा लेक वालेसा पर फिल्में दिखाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि चेकोस्लवाकिया के जाने-माने फिल्म निर्देशक जीरी मेंजेल को लाईफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड दिया जायेगा, पहली बार भारत के स्वाधीनता संग्राम के नायक बाशा खान पर भी फिल्म दिखाई जाएगी। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री ने बताया कि भारतीय सिनेमा के शताब्दी समारोह के सिलसिले में भारतीय बच्चों पर बनी बेहतरीन फिल्में दिखाई जाएंगी, इनमें 15 राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता तथा भारतीय बच्चों पर बनी शास्त्रीय फिल्में होंगी।