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Saturday 9 November 2013 09:22:32 AM
नई दिल्ली। 'जन औषधि स्कीम' के बारे में रसायन और उर्वरक विभाग की स्थायी समिति से जुड़ी समिति ने सुझाव मांगे हैं। इस समिति के अध्यक्ष सांसद गोपीनाथ मुंडे हैं। आम आदमी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर, सभी को जेनेरिक दवाईयां आसानी से मुहैया कराने के लिए उसे राहत पहुंचाने के सिलसिले में भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय (औषधि विभाग) ने नवम्बर 2008 में एक राष्ट्रव्यापी अभियान 'जन औषधि स्कीम' (जेएएस) की शुरूआत की है। इस मुहिम को सीधे ही बाजार में हस्तक्षेप रणनीति के तौर पर राज्य सरकारों के सहयोग से प्रारंभ किया गया है।
औषधि विभाग के अधीन, केंद्रीय औषधि सार्वजनिक वितरण विभाग (सीपीएसयू) के जरिये इस मुहिम के लिए दवाईयों की आपूर्ति की जाएगी। इस अभियान के तहत शुरू में देश के हर जिले में कम से कम एक जन औषधि स्टोर खोलने का प्रस्ताव है। करीब 630 जिलों में एक-एक जेएएस खोलने के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए 30 सितंबर 2013 तक केवल 157 स्टोर खोले गये हैं। ये स्टोर पंजाब, हरियाणा, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड, पश्चिम-बंगाल, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल-प्रदेश, झारखंड और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में खोले गये हैं। जन औषधि स्कीम की विस्तृत जानकारी www.janaushadhi.gov.in पर उपलब्ध है।
समिति ने 'जन औषधि स्कीम' के बारे में विशेषज्ञों, संस्थानों, संगठनों और अन्य हिस्सेदारों से सुझाव आमंत्रित करने के साथ ही व्यक्तिगत राय भी मांगी है, जिससे लोगों में जन औषधि स्कीम, प्रमाणिक दवाओं, दवाइयों के मूल्य सहित इसकी कार्य प्रणाली, गुणवत्तायुक्त दवाइयों तक आसानी से उपलब्धता, सरकारी और निजी डॉक्टरों के परामर्श के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके। साथ ही जन औषधि स्टोरों पर सभी आवश्यक और सूचीबद्ध दवाइयों की उपलब्धता, थोक व्यापारियों की बोतल के ऊपरी हिस्से पर जानकारी, गैर-सरकारी संगठनों, अस्पतालों, चेरिटेबिल कॉरपोरेट रेडक्रास समितियों सहित सरकारी निकायों और राज्य सरकारों इत्यादि से इसका सुचारू रूप से क्रियान्वयन किया जा सके।
सुझाव देने के इच्छुक अपने विचार और सुझाव हिंदी या अंग्रेजी में दो कापियों में, अतिरिक्त निदेशक (क्यूएंडसीएफ), लोकसभा सचिवालय, कमरा नंबर-150, संसद भवन एनेक्सी, नई दिल्ली 110001 (दूरभाष नंबर-23034525, 23035203, फैक्स नंबर-23016008, ई-मेल- com.cf@sansad.nic.in पर तीन सप्ताह के भीतर भेज सकते हैं। इसके बाद समिति इस बारे में मौखिक सुझाव भी लेगी। सुझाव पेश करने के साथ ही इच्छुक लोग अपने विचार समिति के समक्ष उपस्थित होकर भी दे सकते हैं। अंतिम निर्णय का अधिकार समिति के पास सुरक्षित होगा। कहा गया है कि समिति को प्रस्तुत किए गये सुझाव और विचार समिति के रिकॉर्डों का हिस्सा होंगे और उन पर गोपनीयता के नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा और उन्हें किसी को भी जारी नहीं किया जाएगा। इसका उल्लंघन समिति के विशेषाधिकारों का हनन माना जाएगा।