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Saturday 9 November 2013 09:37:19 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट सचिव अजित सेठ ने कहा है कि डाकघरों को भारत सरकार के फ्रंट आफिस बनना चाहिए, ताकि वे संचार, वितरण और वित्तीय सेवाओं में अपनी भूमिका का विस्तार कर सकें। अन्य देशों के मॉडल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि डाकघर राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अजित सेठ ने कल यहां रफी अहमद किदवई राष्ट्रीय डाक अकादमी के सुशासन पर ऑफ कैंपस वार्ता के अंग के रूप में डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान यह बात कही।
कैबिनेट सचिव ने कहा कि देशभर में फैले 1,55,000 डाकघरों के विशाल नेटवर्क के साथ डाकघर हर किसी की जिंदगी को स्पर्श करते हैं। डाकघर में आने का आनंद रहता है। उन्होंने विभाग की आईटी आधुनिकीकरण परियोजना के कार्यान्वयन पर संतोष प्रकट किया। करीब 4,900 करोड़ के व्यय के साथ भारतीय डाक के आईटी प्रोजेक्ट से देश के नागरिकों को महत्वपूर्ण लाभ होगा। अजित सेठ ने विभाग से व्यापक बदलाव के प्रबंध के लिए तैयारी करने की इच्छा प्रकट की, जो आईटी आधुनिकीकरण परियोजना से होगा। उन्होंने महसूस किया कि इस तरह के प्रौद्योगिकी पहल से डाकघर नागरिकों के लिए सरकार के फ्रंट आफिस बनने की स्थिति में हो जाएंगे।