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Wednesday 13 November 2013 09:57:25 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री शशि थरूर ने आज निजी क्षेत्र से आग्रह किया कि वह अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों में विश्वविद्यालयों की बढ़-चढ़ कर मदद करे। थरूर यहां भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल महासंघ (फिक्की) के 9वें उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन 2013 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनुसंधान केंद्रीय पहलू है। हमारे अधिकांश विश्वविद्यालय अभी भी मूल रूप से केवल शैक्षणिक संस्थान बने हुए हैं और उनमें अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
शशि थरूर ने निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों के अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों के वित्त पोषण का आह्वान करते हुए बताया कि अपने देश में अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों में 80 प्रतिशत योगदान सरकार करती है, जबकि यूरोप के आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के सदस्य देशों में इस कार्य में 75 प्रतिशत का योगदान निजी क्षेत्र करता है। उन्होंने छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने पर विशेष ध्यान देने का भी आग्रह किया। थरूर ने बताया है कि सरकार ने स्कूल अथवा कॉलेज छोड़ देने वाले छात्रों को कौशल आधारित व्यावसायिक प्रशिक्षण देने के लिए 200 से अधिक सामुदायिक कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है, ताकि उन्हें रोज़गार योग्य नागरिक बनाया जा सके।
फिक्की की अध्यक्ष नैना लाल किदवई ने कहा कि सरकार को उच्च शिक्षण संस्थान और विश्वविद्यालयों की स्थापना करने की प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को दूर करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सरकार का यह एक सकारात्मक कदम होगा, जिससे निजी क्षेत्र, उच्च शिक्षा के कार्य में निवेश करने की ओर आकर्षित होगा। उन्होंने कहा कि अभी भी देश के 64 प्रतिशत शिक्षण संस्थान निजी क्षेत्र द्वारा स्थापित हैं और उनमें 59 प्रतिशत छात्र शिक्षण-प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। फिक्की ने उच्च शिक्षा पर यह दो दिन का शिखर सम्मेलन मानव संसाधन विकास मंत्रालय और योजना आयोग के सहयोग से आयोजित किया है।