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Saturday 16 November 2013 07:10:31 AM
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण में स्टाफ की भर्ती, संविदा या अस्थाई के बजाय नियमित नियुक्ति के रूप में करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्राधिकरण को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाए जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में प्राधिकरण बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की पहली बैठक में प्राधिकरण के संरचनात्मक ढांचे पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने बैठक में बताया कि डीजीसीए भारत सरकार के निर्देशों पर उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विभाग के स्थान पर उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण की स्थापना कर ली गई है। प्राधिकरण के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में नागरिक उड्डयन मंत्री अध्यक्ष हैं, जबकि मुख्य सचिव उपाध्यक्ष हैं। प्रमुख सचिव नागरिक उड्डयन, प्रमुख सचिव वित, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास, प्रमुख सचिव कार्मिक, सचिव पर्यटन व सचिव परिवहन बतौर सदस्य शामिल हैं।
प्राधिकरण में एक मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) व एक अपर मुख्य कार्याधिकारी होगा। इसमें फ्लाईंग विंग, ऑपरेशन विंग, सेफ्टी विंग, तकनीकी विंग, मानव संसाधन विंग व वित्तीय विंग होंगी। प्रत्येक विंग को अपने कार्य संचालन में पर्याप्त स्वायत्ता होगी। बैठक में विभिन्न पदाधिकारियों के कर्तव्य व शक्तियां, एयरक्राफ्ट व हेलीकाप्टर पायलेटों का डीजीसीए के मानकों के अनुसार प्रशिक्षण दिए जाने, नए हेलीकाप्टर की क्रय प्रकिया के निर्धारण पर भी चर्चा की गई। बैठक में मुख्य सचिव सुभाष कुमार, प्रमुख सचिव डॉ उमाकांत पंवार, अपर सचिव आरसी लोहनी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।