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Friday 22 November 2013 07:40:18 AM
पणजी। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की मुख्य अतिथि अभिनेत्री सुसान सरंडॉन ने पणजी में कहा है कि मैं अभिनेत्री इसलिए हूं, क्योंकि मेरी कल्पना शक्ति बहुत दृढ़ है, जो मुझे लोगों की पीड़ा और उनकी खुशी दोनों के प्रति सहानुभूति दिखाती है। ये दोनों गुण आपस में जुड़े हुए हैं और यही गुण अभिनय क्षमता प्रदान करते हैं। सुसान, फिल्म समारोह के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहीं थी। अभिनय और सक्रियतावाद की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि अभिनय कलाकार की कल्पना शक्ति होता है, लेकिन सक्रियतावाद एक व्यक्ति का कार्य होता है।
कलाकार की सामाजिक भूमिका पर स्पष्ट राय व्यक्त करते हुए सुसान ने कहा कि मानवता से जुड़े मसलों के बारे में सवाल पूछे बिना जीवित रहने से मेरे अहम को ठेस पहुंचती है, सिनेमा मनुष्य की दृष्टि और उसकी दुनिया को एक नया ढांचा देता है, इसलिए यह जरूरी है कि ठोस आधार के साथ अच्छी फिल्में बनाई जाएं। उन्होंने कहा कि अंतत: व्यक्ति को अपनी कहानी गढ़नी होती है।
लिंग भेदभाव के जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि किसी भी बदलाव का आधार शिक्षा है और एक पुरुष तभी आराम से रहता है, जब वह एक दृढ़ महिला का चुनाव करता है। उन्होंने कहा कि महिला के लिए फिल्म बनाने का काम काफी कठिन है। सुसान ने कहा कि आस्कर बहुत बड़ा पुरस्कार है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि इस पुरस्कार को जीतने वाली फिल्म बेहतरीन हो। पुरस्कार निर्णायक मंडल और वोटिंग प्रणाली से तय किए जाते हैं।