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Monday 25 November 2013 09:29:42 AM
पणजी। गोआ में चल रहे फिल्म समारोह में ओडिया फिल्म निर्देशक सव्यसांची महापात्रा ने बुजुर्गों को समाज पर बोझ नहीं, बल्कि धरोहर बताया और कहा कि बुजुर्ग समाज की अगुवाई और मार्ग-दर्शन हेतु सर्वोत्कृष्ट मार्ग हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2035 तक देश में हर पांच में से एक व्यक्ति 65 वर्ष का होगा। बुजुर्गों को देश के युवकों के लिए पारंपरिक मूल्यों में मार्ग-दर्शक बताते हुए उन्होंने कहा कि ‘साला बुड़ढ़ा’ फिल्म में बुजुर्गों की अनदेखी करने वाले समाज के लिए एक संदेश दिया गया है। उन्होंने इस फिल्म को मानव मूल्यों की कहानी बताया।
'साला बुड्ढ़ा' फिल्म संबलपुरी बोली में बनाई गई है, जो पश्चिमी ओडिशा में बोली जाती है। इस वर्ष इंडियन पेनोरमा वर्ग में दिखाई जाने वाली 26 फिल्मों में इस फिल्म को भी शामिल किया गया है। यह फिल्म, उनके पिता एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता कपिलेश्वर प्रसाद महापात्रा की लिखी 100 साल पुरानी एक कहानी पर आधारित है और ब्लैक एंड व्हाइट रंग में बनाई गई है। सव्यसांची महापात्रा 'भूखा' नामक एक और फिल्म संबलपुरी बोली में बना चुके हैं, जिसकी व्यापक सराहना हुई थी।